व‌र्ल्ड हार्ट डे पर विशेष :

- बैड हैबिट्स और असंतुलित फूड बांट रहा दिल की बीमारियां

- हर वर्ष बढ़ रहा हार्ट के मरीजों का रेश्यो

-3 साल में दोगुने हो गए हार्ट पेशेंट

-25 परसेंट हार्ट पेशेंट की हर साल हो जाती है मौत

-20-30 हार्ट पेशेंट्स डेली पहुंच रहे हॉस्पिटल

-30 हॉस्पिटल्स शहर में हैं हार्ट ट्रीटमेंट के लिए

केस स्टडी 1

होनी थी बाईपास सर्जरी, बेटे की जिद ने दी नई जिंदगी

शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल के स्पो‌र्ट्स टीचर विमल मिश्रा के पिता महेश चंद्र मिश्रा को कुछ साल पहले हार्ट की प्रॉब्लम हुई तो शहर के मिशन हॉस्पिटल में दिखाया। पता चला कि उनके हार्ट में ब्लॉकेज की प्रॉब्लम है। वहां से उन्हें नोयडा के फोर्टिस हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया, यहां डाक्टरों ने बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी, सब राजी हो गए लेकिन विमल ने जिद की और उन्हें वापस घर ले आए। फिर डेली सुबह-शाम उन्हें वॉक कराने के साथ योगा कराया और संतुलित डाइट दी, गर्म पानी, नियमित रूप से फलों का सेवन चार माह तक जारी रखा, फिर क्या था बेटे की कोशिश ने रंग दिखाया और आज पिता महेश बिल्कुल स्वस्थ हैं।

केस 2

सीएम का साथ मिला तो मिली नई जिदंगी

शील हॉस्पिटल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ। निशांत गुप्ता के अनुसार जब हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन ठीक प्रकार से नहीं होता है तो हार्ट की बीमारियां होने का खतरा बढ़ने लगता है। इसमें कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है। जिसकी वजह से ब्लड में ऑक्सीजन सर्कुलेशन कम हो जाता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है।

भोजीपुरा निवासी रईस अहमद पिछले दो सालों से हार्ट की बीमारी से जंग लड़ रहे थे। इलाज में सारी जमा पूंजी लग गई, लेकिन बीमारी नही गई। हताश हुए तो पत्‍‌नी के संग सीएम के दरबार में जाकर इलाज की गुहार लगाई। सीएम ने मदद की और शहर के ही एक निजी मेडिकल कॉलेज में इलाज शुरु हो गया, लेकिन अनुदान राशि कम पड़ गई। इसके बाद डीएम से मदद की गुहार लगाई। डीएम के आदेश पर उन्होंने कुछ दिन मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया थोड़ा ठीक होने पर घर पर ही डॉक्टर के बताए परामर्श के आधार पर डाइट लेना शुरू किया अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं।

बरेली : 'दिल है कि मानता नहीं'। यही वजह है कि लोग तेजी से दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि हार्ट पेशेंट की संख्या हर साल बढ़ रही है। पिछले तीन साल में डिस्ट्रिक्ट में हार्ट पेशेंट्स दोगुने हो गए। यूथ भी हार्ट की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो इसकी बड़ी वजह अनियमित खाना पान के साथ ही कुछ बैड हैबिट्स भी हैं। यदि दिल पर थोड़ा काबू रखा जाए तो दिल की बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।

मॉर्डन लाइफ स्टाइल बड़ी वजह

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हार्ट का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। लेकिन लोग बिना कुछ सोचे कुछ भी खाने से गुरेज नहीं करते हैं। जंक फूड और ज्यादा ऑयली खाना खाने से ब्लड में कार्बोहाइड्रेट और फैट बढ़ने से हार्ट डिसीज होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा ज्यादा स्मोकिंग और एल्कोहल का यूज करने से भी हार्ट पेशेंट बढ़ रहे हैं।

यूथ भी हो रहा इफैक्टेड

एसआरएसएस के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ। दीप पंत के अनुसार कुछ सालों में शोध में पाया गया कि यंग्स्टर्स भी अब हार्ट की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसकी मेन वजह है मॉर्डन लाइफ स्टाइल, स्मोकिंग और जीरो फिजीकल एक्टीविटी। ये सभी चीजें यूथ को भी दिल की बीमारियां बांट रही है।

हार्ट अटैक के कारण

हर साल बढ़ रहे हार्ट पेशेंट्स

साल - हार्ट

2017 - 2230

2018 - 3450

2019 - 5530

2 साल से कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं

शहर में सबसे ज्यादा मरीज डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आते हैं। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि यहां पिछले दो सालों से कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं है। इसके चलते यहां आने वाले हार्ट पेशें‌र्ट्स को मजबूरन प्राइवेट हॉस्पिटल की ओर रुख करना पड़ रहा है।

ऐसे फिट रखें हार्ट

-वसा युक्त खाना खाने से बचें।

-जंक फूड से दूरी बनाएं।

-डेली वॉक और योगा करें।

-स्मोकिंग और एल्कोहल का यूज न करें।

-घी और बटर ज्यादा न खाएं।

Posted By: Inextlive