Patna: कैपिटल एक्सप्रेस एक्सीडेंट रेलवे के वर्किंग सिस्टम की पोल खोल रहा है. भले ही इसमें किसी पैसेंजर की जान नहीं गई लेकिन इससे एक्सीडेंट की भयावहता खत्म नहीं हो जाती है.


  ट्रैक की पेट्रोलिंग सिस्टम को कटघरे में इस एक्सीडेंट ने ट्रैक की पेट्रोलिंग सिस्टम को कटघरे में खड़ा किया है। उसके बाद पीडब्ल्यूआई का वर्क और रेलवे के सीनियर ऑफिसर्स भी इस सवाल के घेरे में हैं। हेवी रेन के बाद ऑफिसर्स ने ट्रैक की जांच क्यों नहीं करवाई? कई लेवल पर इस मामले में चूक हुई। रेलवे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीनियर ऑफिसर्स मामले में बलि के बकरे की तलाश कर रहे हैं। ताकि सारा ठीकरा उसके सिर फोड़ा जा सके।सबसे बड़ा सवाल
मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि तीन महीने पहले ही ट्रैक की स्कैनिंग की गई थी। साल में एक बार स्कैनिंग का काम किया जाता है। इसमें ट्रैक के एक्सटर्नर व इंटरनल वीकनेस का पता चल जाता है। छोटे-छोटे फाल्ट भी इसमें पकड़ लिए जाते हैं। बावजूद पटना साहिब से गुलजारबाग के बीच ट्रैक की कमजोरी पकड़ में क्यों नहीं आई? फैलिन के कारण अभी भारी बारिश हुई। रेलवे सूत्रों ने बताया कि बारिश के कारण एक्सीडेंट वाले प्लेस पर जमीन धंस गई थी। शायद यही कारण रहा कि ट्रेन के वजन से ट्रैक टूट गया होगा। बारिश के बाद एक बार ट्रैक की जांच तो होनी ही चाहिए थी। इससे जमीन धंसने का पता चल जाता। आरडीएसओ करेंगे मामले की जांचमामले की जांच के लिए हाई लेवल की तीन मेंबर वाली कमेटी बनाई गई है। आरडीएसओ इस कमेटी को लीड करेंगे। उन्हें जल्द से जल्द मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.  hindi news from PATNA desk, inext live Posted By: Inextlive