PATNA : सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश पर्व को बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। मंगलवार को शहर में नगर कीर्तन निकाला गया। विशाल अलौकिक नगर कीर्तन श्री अकाल तख्त साहिब से पंच प्यारों के नेतृत्व में शुरू हुआ। जो शहर के विभिन्न हिस्सों से होता हुआ वापस श्री हरमंदिर साहिब पहुंचा। रास्ते में नगर कीर्तन के समूह संगत ने उत्साह के साथ उनका स्वागत किया और पुष्पवर्षा की। रास्ते में गुरु की प्यारी निहंग जत्थेबंदियों और विभिन्न सिख जत्थेबंदियों की ओर से गतका के करतब दिखा कर सिख संगत को निहाल किया

अशोक राजपथ के पर आस्था में डूबे इतने विशाल जनसैलाब को आज से पहले किसी ने न देखा होगा। फ्भ्0वें प्रकाश पर्व पर बुधवार को निकला नगर कीर्तन इतिहास बन गया। सोने की पालकी में गुरुग्रंथ साहिब पूरी शान के साथ पटना साहिब पहुंचे। नगर कीर्तन में तकरीबन दो लाख श्रद्धालुओं का जत्था अशोक राजपथ पर तीन किलोमीटर से भी अधिक में फैला हुआ था। हाथी, घोड़े और ऊंट के साथ अगुवाई करते पंच प्यारे भव्यता में चार चांद लगा रहे थे। गांधी मैदान से सुबह क्क् बजे निकले कीर्तन जत्थे को अपने गंतव्य गुरुद्वारा साहिब पहुंचने में क्0 घंटे लगे। रास्ते भर आम लोग फूलों की बारिश कर रहे थे। क्या हिंदू, क्या मुस्लिम, हर कोई सारे भेद मिटाकर संगतों की सेवा में लगा था। निहंगों के करतब संगतों में जोश भर रहे थे तो कीर्तन में बज रही गुरुवाणी उन्हें आत्मीय शांति दे रही थी।

नगर कीर्तन में उमड़ा जनसैलाब

नगर कीर्तन में ऐसा जनसैलाब उमड़ेगा इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। क् लाख की भीड़ का अनुमान था, लेकिन कीर्तन शुरू होने के बाद से ही अशोक राजपथ पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमने लगी। तरह- तरह के बानों में सजे सिख संगत आते जाते रास्ते की रौनक बनाते चले। सिख संगत ही नहीं इस जत्थे के साथ गैर सिख श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में चलते दिखे। जितने लोग इस कीर्तन में शामिल थे उससे भी कहीं ज्यादा रास्ते के किनारे में घरे होकर उनका अभिनंदन कर रहे थे। ख् से ढ़ाई लाख श्रद्धालु क्0 किलोमीटर लंबे रास्ते पर थे। इस तरह अगर देखा जाए तो पटना शहर के क्भ् फीसदी लोग इस जनसैलाब का हिस्सा बने।

गांधी सेतु पर ब् घंटे लंबा इंतजार

गाय घाट पर इस नगर कीर्तन को देखने हजारो श्रद्धालु इंतजार कर रहे थे। गुरुद्वारे के पास लोगों का हुजूम उमड़ रहा था। यह इंतजार खत्म हुआ दोपहर फ्.फ्0 बजे, जब कीर्तन का पहला जत्था वहां से गुजरा। रंग बिरंगे पोशाक, निहंगों के हैरतअंगेज करतब, तरह-तरह के बैंड और सुरीले गुरुवचनों की आवाज ने लोगों के दिल में आस्था की अलख जगा दी। यहां गांधी सेतु के उपर खड़े होकर लोग इस विहंगम दृश्य को देख इतिहास के साक्षी बने।

और बढ़ता रहा कारवां

नगर कीर्तन में फूलों की बारिश के बीच पालकी, तख्त श्री हरिमंदिर जी साहिब की ओर बढ़ता गया। रास्ते भर गुरुवाणी की गूंज, शबद-कीर्तन का दौर चलता रहा। पालकी जी साहिब के समक्ष नंगे पांव नतमस्तक होने वाले श्रद्धालु प्रसाद पाते रहे और कारवां आगे की ओर बढ़ता रहा। पालकी साहिब में गुरुग्रंथ साहिब जी विराजमान थे। गांधी मैदान से तख्त हरमंदिर साहिब तक नगर कीर्तन की धूम रही। पूरा रास्ता श्रद्धालुओं से पट गया था।

गतका टीमों ने दिखाया जौहर

गुरु ग्रंथ साहिब दरबार से निकले नगर कीर्तन में हाथी-घोड़े भी मौजूद थे। बीच-बीच में देश-विदेश से आए गतका टीमों ने भी अपना जौहर दिखाया। इनका करतब देख लोग दांतो तले अंगुली दबाते दिखे.इसमें सेना, सीआरपी की दो बैंड, किंग पाइप बैंड भी शामिल थे। इसके अलावा ऑरकेस्ट्रा, विभिन्न अखाड़ा का गतका पार्टियां व कीर्तनी जत्था शामिल रहे। रास्ते में जगह- जगह संगतों की सेवा के इंतजाम किए गए थे। वहां चाय-पानी की व्यवस्था की गई थी।

Posted By: Inextlive