PATNA : खेत खाए गदहा मार खाए जोलहा. ये कहावत चरितार्थ हो रही है राजधानी के वाहन चालकों के साथ. कारण है कि एक साल से स्मार्ट डीएल और स्मार्ट आरसी की वेटिंग में चल रहे लगभग दो लाख आवेदनकर्ताओं को इन दिनों पुलिस की चेकिंग में जुर्माना भरना पड़ रहा है. आलम यह है कि आरटीओ का चक्कर काटकर वे थक गए हैं और अब कोई रास्ता भी नहीं दिख रहा है. वहीं विभाग के जिम्मेदार भी इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है जिससे समस्या के समाधान का कोई आसार नहीं दिख रहा.

क्या फंसा है पेंच 

वर्ष 2014 से 2.10 लाख लोगों का आवेदन फंसा हुआ है. सूत्रों की मानें तो नवंबर में 1.10 लाख लोगों ने स्मार्ट डीएल के लिए अप्लाई किया था. इसी तरह से लगभग 1 लाख लोगों ने स्मार्ट आरसी (वाहनों के स्मार्ट कार्ड) के लिए अप्लाई किया था. लेकिन सभी को कागज पर रिसीविंग देकर वेटिंग में डाल दिया गया है. एक साल से इंतजार कर रहे हैं लेकिन बारी कब आएगी पता नहीं. 

 

विभाग ने बनाई मुहर की व्यवस्था

सूत्रों का कहना है कि विभाग और ठेकेदारों की आपसी तनातनी से यह समस्या आई है.2.10 हजार लोगों की वेटिंग और इस पर दिन प्रतिदिन आ रहे आवेदनों से विभाग पर बोझ बढ़ गया है. फाइलों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. वहीं विभाग के पास जो प्रिंटर है उससे दो लाख कार्डो को जारी करने में कई साल लग जाएगा. क्योंकि ये मशीन एक दिन में महज 60 से 65 कार्ड ही प्रिंट कर पा रही है.हालांकि कार्ड जारी करने में हो रही देरी और 6 माह में वैलिडिटी समाप्त होने की समस्या को लेकर विभाग ने नया रास्ता निकाला है. वह इन पेपरों पर दोबारा स्टैंप लगाकर वैलडिटी बढ़ाने का काम कर रही है लेकिन बहुत से लोग विभाग नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे परेशानी कम नहंी होती दिख रही है.

 

6 माह ही कागजों की मियाद 

एक बड़ी समस्या यह है कि विभाग स्मार्ट डीएल और आरसी के लिए जो कागज दे रहा है कि उसकी वैलिडिटी महज 6 माह की होती है. और फिर कागज भी ऐसे दिए जा रहे हैं जो हल्के हैं. नतीजतन एक माह बाद अक्षर धुंधले हो जाते हैं. ऐसे में जब भी पुलिस चेकिंग के दायरे में आते हैं जुर्माना भरना पड़ता है.

 

स्मार्ट डीएल कार्ड जारी कराने के लिए व्यवस्था की जा रही है. नए आवेदनों पर काम किया जा रहा है और पुराने वेटिंग को भी नई डेट देकर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है.

-सुरेंद्र झा, डीटीओ

Posted By: Manish Kumar