-नई तिथि की घोषणा जल्द

-जांच कमिटी की अनुशंसा पर वीसी ने किया रद्द

-26 नवंबर को पटना के छह सेंटर पर हुई थी परीक्षा

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी ने धांधली की शिकायत के बाद बीएड प्रवेश परीक्षा को रद्द कर दिया है। प्रवेश परीक्षा ख्म् नवंबर को पटना के छह सेंटरों पर आयोजित की गई थी। मालूम हो कि कुछ छात्र संगठनों ने परीक्षा के दौरान वाट्सएप का उपयोग कर पर्चा लीक का आरोप लगाया था। छात्रों ने इस मामले में वीसी डॉ वाई सी सिम्हाद्री को आवेदन देकर परीक्षा में धांधली को ध्यान में रखकर परीक्षा रद्द करने की मांग की थीर। छात्रों की डिमांड पर वीसी ने मामले के जांच के लिए कमिटी का गठन किया है।

प्रोवीसी डॉ रंजीत कुमार वर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया। कमिटी में प्रोवीसी के अलावा विधि संकाय के डीन डॉ राकेश वर्मा एवं मानविकी संकाय के डीन डॉ। राधा मोहन सिंह की टीम ने जांच किया। कमिटी की ओर से मामले में सभी सेंटरों पर अलग-अलग सेंटरों पर वीक्षकों, शिकायतकर्ताओं के अलावा कई लोगों से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद मामले में क् दिसंबर को पीयू कैंपस में पक्ष रखने के लिए समय दिया गया था। इस दौरान शिकायतकर्ताओं के बयान ऑन रिकार्ड दर्ज किए गए थे। पूरे मामले की वीडियो रिकार्डिग भी की गई थी।

अगले साल से हो सकता है ऑनलाइन टेस्ट

परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया व ब्लू टूथ की मदद से पर्चा लीक व बाहर से हल किए हुए उत्तर से पीयू प्रशासन परेशान है। प्रो वीसी डॉ रंजीत कुमार वर्मा ने बताया कि पटना यूनिवर्सिटी में बीएड इंट्रेस परीक्षा ऑनलाइन लेने पर विचार हो रहा है। ऐसे में अगले साल से इंट्रेस टेस्ट ऑन लाइन हो सकता है।

दो सौ सीट के लिए आठ हजार स्टूडेंट

पटना यूनिवर्सिटी के तीन कॉलेजों में बीएड की पढ़ाई होती है। पटना वीमेंस कॉलेज को छोड़कर अन्य दो कॉलेज के लिए पीयू की ओर से प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। पटना टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज एवं वीमेंस कॉलेज ट्रेनिंग कॉलेज में सौ-सौ सीट है।

छात्र नेताओं के शिकायत पर हुई जांच

पीयू बीएड इंट्रेंस टेस्ट के दौरान पर्चा वाट्सएप पर लीक होने का आरोप लगाते हुए छात्र नेताओं ने वीसी से शिकायत की थी। शिकायत करने वालों में समाजवादी छात्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धीरज सिंह यादव, एबीवीपी के श्रीराम शर्मा, प्रशांत भारद्वाज सहित कई नेताओं ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंप परीक्षा रद्द करने का डिमांड किया था।

सेंटर में मोबाइल फोन था

सूत्रों के अनुसार जांच कमिटी ने जांच के दौरान वाट्सएप के उपयोग की शिकायत की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन कई सेंटरों पर परीक्षा हॉल में परीक्षा के दौरान मोबाइल होने के प्रमाण मिले हैं। परीक्षा के दौरान एक निष्कासित छात्र के पास जो हल उत्तर था, उसमें कई उत्तर सही थे। एक ही नाम से तीन स्टूडेंट परीक्षा में शामिल हुए थे। तीन में से एक छात्र का मा‌र्क्ससीट फर्जी पाया गया। संभावना व्यक्त की जा रही है, हेल्पर की मदद से खास स्टूडेंट को लाभ पहुंचाने के लिए परीक्षा में बैठाए जाने की संभावना है। इसके अलावा भी कई प्रकार कमियां पाई गई है।

Posted By: Inextlive