- पीयू के दूर शिक्षा निदेशालय में बीए और बी कॉम के लिए एडमिशन है जारी

- लाइब्रेरी साइंस में एडमिशन के लिए आए सबसे अधिक आवेदन

PATNA : आज के बदलते परिवेश में कन्वेंशनल तरीके से पढ़ाई कई कारणों से छात्र नहीं कर पाते हैं। ऐसे में ओपन स्कूलिंग एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत करते है। विशेषकर तब जब यह बजट में हो और उसका सत्र भी समय पर पूरा हो। बीते कुछ वर्षो में पटना यूनिवर्सिटी का दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की लोकप्रियता बढ़ी है। विशेष तौर पर जनरल कोर्सेज में। यहां कुल आठ अलग-अगल कोर्सेज चलाये जाते हैं, जिसमें जनरल और वोकेशनल कोर्सेज, दोनों शामिल हैं। यहां सर्वाधिक एडमिशन कामर्स के छात्र ले रहे हैं। अब तक एक हजार से अधिक छात्र बी। कॉम में एडमिशन ले चुके हैं।

अगले वर्ष से एमए की पढ़ाई

निदेशालय की भावी योजनाओं के बारे में निदेशालय के डायरेक्टर अरूण कुमार सिंह ने बताया कि अगले वर्ष से यहां जनरल कोर्सेज में एमए की पढ़ाई के लिए कोर्सेज शुरू करने की योजना है। इससे न केवल यहां स्नातक की जनरल कोर्सेज की पढ़ाई करने वाले के लिए एक मौका होगा बल्कि जो किसी कारण से एमए की पढ़ाई नहीं कर पाए थे, उन्हें भी मौका मिलेगा। अभी कालेज में शैक्षणिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने और व्यवस्थित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप किया जा रहा है।

कम फी और समय पर सत्र

पटना में ही ओपन लर्निग या दूर शिक्षा से संबद्ध होने के लिए कई संस्थान हैं, फिर भी पीयू का यह निदेशालय छात्रों के बीच पसंदीदा है। उदाहरण के लिए लाइब्रेरी साइंस में एडमिशन के लिए मात्र क्भ्0 सीटें हैं। जबकि ख्ब् अगस्त तक ब्00 से अधिक छात्रों ने अप्लाई कर चुके हैं। यहां अगले हफ्ते तक मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। जर्नलिज्म कोर्सेस में भी ऐसे ही मांग देखी जा रही है।

जनरल कोर्सेज में एडमिशन जारी

अभी जनरल कोर्सेज में एडमिशन जारी है.बाढ़ आने और कई कालेजों में देर से रिजल्ट आने जैसी समस्याओं को देखते हुए यह फैसला किया गया है। डायेक्टर अरूण कुमार सिंह ने बताया कि बीए और बी कॉम को मिलाकर पांच हजार सीटे हैं। अब तक इन जनरल कोर्सेज में दो हजार से अधिक एडमिशन हो चुका है। हालांकि वोकेशनल कोर्सेज के अंतर्गत बीसीए में इंट्रेंस टेस्ट के बाद एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

एक आप्शन मिलता है छात्रों को

पटना विश्वविद्यालय के अंतर्गत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की स्थापना क्97ब् में की गई थी। शुरूआती दौर में यह आज की तरह लोकप्रिय नहीं था। इसका पहला सत्र क्97भ् में शुरू किया गया था। लेकिन हाल के वर्षो में इसकी उपयोगिता बहुत बढ़ी है। हालांकि यहां ऐसे छात्रों की संख्या अधिक है, जो कि किसी कारण से अपनी रेग्यूलर पढ़ाई नहीं कर पाएं। कंकड़बाग निवासी रोहित प्रकाश ने बताया कि वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसलिए उसने यहां जनरल कोर्स में एडमिशन लिया है। डिग्री पटना यूनिवर्सिटी की मिलेगी।

फंड की है दरकार

दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्ववित्तपोषित है और इस बारे में डायरेक्टर ने बताया कि इसे कहीं से भी पैसा फंड का रेग्यूलर सोर्स नहीं है। फिर भी इसके वित्तीय प्रबंधन और छात्रों की सुविधा के लिए सीमित साधनों का ही बेहतर इस्तेमाल कर अकादमिक गतिविधियां तेज की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि यदि साइंस कालेज में कुछ स्थान मिल जाए तो यहां एकेडमिक एक्टिविटीज को और तेज करने का अवसर मिलेगा।

दूरस्थ निदेशालय की कोर्सेज

- बैचलर ऑफ आर्ट्स

- बैचलर ऑफ कामर्स

- लाइब्रेसी साइंस (डिग्री कोर्स)

- जर्नलिस्म (डिप्लोमा)

- मैनेजमेंट के अंतर्गत

क् फाइनेंसियल मैनेजमेंट

ख् ऑपरेशनल मैनेजमेंट

फ् जनरल मैनेजमेंट

यह एक स्ववित्तपोषित संस्थान है और यहां यहां अगले वर्ष से एमए की कोर्सेस शुरू करने का प्रयास है। इससे हॉयर एजुकेशन को आगे ले जाने और इनरॉलमेंट बढ़ाने में मदद मिलेगी।

-अरूण कुमार सिंह, डायरेक्टर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, पीयू

Posted By: Inextlive