सफाई आयोग के अध्यक्ष की जांच में आया गोलमाल सामने, मैनेजर नहीं दे पाई जवाब

-बोले- बैकलाग सफाई कर्मचारियों को बना दिया ड्राइवर और सफाई नायक

बरेली : सफाई आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने थर्सडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जब उन्होंने सफाई व्यवस्था पर खर्च का ब्यौरा मांगा तो उसमें गोलमाल सामने आया। पूछताछ करने पर पता चला कि सफाई के लिए कंपनी को भुगतान छह लाख रुपये का किया जा रहा लेकिन कंपनी सफाई पर सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपये ही खर्च कर रही है।

मैनेजर नहीं दे पाई जवाब

वार्डो का निरीक्षण करने के बाद अध्यक्ष ने सीएमओ के कार्यालय में बैठकर सफाई कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि सफाई का ठेका प्राइम क्लीनिंग को दिया गया है। मौजूदा समय में 42 कर्मचारी हैं, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाती है। वर्तमान में 25 कर्मचारियों के उपस्थित होने की जानकारी दी गई। इस पर अध्यक्ष ने सबको बुलाकर उनकी हाजिरी लगवाई। जिसमें एक-दो कर्मचारी अनुपस्थित मिले। अध्यक्ष ने कंपनी की मैनेजर से भुगतान के बारे में पूछा तो मैनेजर ने बताया कि छह लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता है। इस पर अध्यक्ष ने सफाई सुपरवाइजर दिनेश पटेल और प्रमोद कुमार से उनका वेतन पूछा। सुपरवाइजर ने 12 हजार वेतन बताया। इसके बाद सफाई कर्मचारी इंद्रपाल के साथ दूसरे कई कर्मचारियों ने अपना वेतन पांच हजार रुपये बताया। साथ ही कहा कि छुट्टी लेने पर वेतन काट लिया जाता है। इस पर अध्यक्ष ने हॉस्पिटल मैनेजर पूजा चौहान से कहा कि अगर सफाई के सामान का भी खर्च जोड़ लिया जाए तो करीब 3 लाख 38 हजार रुपये होता है। बाकी का पैसा कहां जाता है। इस पर मैनेजर कुछ जवाब नहीं दे पाई। उनसे सफाई के टेंडर की फाइल भी अध्यक्ष ने मंगाई लेकिन उसमें न तो दिए जाने वाले वेतन का उल्लेख कहीं था और न ही खरीदे जाने वाले सामान की जानकारी थी। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी ने न तो पीएफ काटने की जानकारी दी है और न ही बीमा की।

कई महीनों में मिलता है वेतन

सीएमओ ने मल्टीपरपज स्टाफ मुहैय्या कराने वाली अवनि परिधि कंपनी की शिकायत की। सीएमओ ने अध्यक्ष से कहा कि हम समय से भुगतान कर देते हैं लेकिन कंपनी कई कई महीनों बाद कर्मचारियों को भुगतान करती है। जिसकी वजह से कर्मचारी सही से काम नहीं करते हैं। इस पर अध्यक्ष ने दोनों ही कंपनी पर कार्रवाई करने और ब्लैक लिस्टेड करने के लिए सीएम और प्रमुख सचिव को रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह हालत तब है जब सरकार की तरफ से न्यूनतम वेतन 318 रुपये के करीब है।

अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

आयोग के अध्यक्ष ने कलेक्ट्रेट सभागार में अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अधिकारी मैला ढोने वालों की रिपोर्ट गलत भेज रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने मैला ढोने वालों का फिर से सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। सरकार उन्हें आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।

सफाई कर्मचारी भर्ती में भरे ड्राइवर

उन्होंने बताया कि नगर निगम में भी सफाई कर्मचारियों का दो साल से पीएफ नहीं काटा जा रहा है। हाल यह है कि बैकलाग सफाई कर्मचारियों की भर्ती में बाल्मीकि समाज के लोगों को भर्ती नहीं किया गया बल्कि दूसरे समाज के लोगों को भर्ती कर लिया गया। इसमें 120 ड्राइवर और सौ कार्यवाहक सफाई नायक बना दिए गए। इनमें से कोई भी सफाई का काम नहीं कर रहा है। कोई अधिकारी के यहां खाना बना रहा है तो कोई उनके यहां सब्जी ला रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में जनसंख्या के हिसाब से 1175 सफाई कर्मचारी कम हैं। इस दौरान नगर आयुक्त ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और डोर टू डोर कलेक्शन के बारे में भी बताया।

Posted By: Inextlive