कीनिया में सार्वजनिक स्थलों पर पेशाब करना अब लोगों को भारी पड़ सकता है. यहाँ खुले में पेशाब करते हुए पकड़े जाने पर छह महीने तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है.


दीवारों पर, सड़क किनारे, पेड़ों के पीछे पेशाब करने की बुरी आदत केवल भारत के ही कुछ लोगों को है ऐसा नहीं है. कीनिया में भी ऐसे कुछ "भद्र पुरुष" हैं.ये बात और है कि कीनिया की राजधानी नैरोबी में इन्हें सीधा करने के लिए अधिकारियों ने विशेष दस्ता बनाया गया है.नैरोबी, पूर्वी और केंद्रीय क्लिक करें अफ्रीका का व्यापारिक केंद्र है. शहर के खोए हुए पुराने 'सुनहरे दिन' लौटाने की क़वायद के तौर पर सार्वजनिक स्थलों पर पेशाब करने वाले लोगों को गिरफ़्तार करने के लिए यह दस्ता बनाया गया है.क्लिक करें ख़ूबसूरत कीनियानैरोबी में शहर को साफ़ करने का अभियान चलाया जा रहा है. खुले में पेशाब करने की बढ़ती हुई बुरी आदत से निपटने के लिए इस अभियान में तकनीक की सहायता ली जा रही है.छुपे हुए कैमरे


अधिकारियों का कहना है कि वह पूरे शहर में ज़्यादा समस्या वाली जगहों पर छुपे हुए कैमरे लगाएंगे.अभियान शुरू होने के कुछ ही समय में विशेष दस्ते ने खुले में पेशाब करते लगभग 100 लोगों को पकड़ा. इन्हें गिरफ्तार कर अदालत में इन पर "असामाजिक तत्व" होने का आरोप लगाया गया है.

स्थानीय निवासियों ने सार्वजानिक स्थलों पर पेशाब करने से रोकने वाले इस अभियान का स्वागत किया है. वह यह भी चाहते हैं कि सरकार ज़्यादा और बेहतर सेवाएँ उपलब्ध कराए.एक युवक ने कहा, "इस शहर में काम ढूँढने आने वालों के पास इतना पैसा नहीं होता जितना वो सेवाओं के लिए माँग रहे हैं. वह सार्वजिनक शौचालय का प्रयोग करने के लिए इतने पैसे देने से बेहतर उन पैसों की एक प्याला चाय पीना या भोजन करना पसंद करेंगे."एक स्थानीय महिला ने कहा कि खुले में पेशाब करने वाले कई लोग अधेड़ उम्र के भी होते हैं. यह सब शोभा नहीं देता. समाज के लिए अच्छी छवि नहीं बनती. इसके लिए सरकार को अधिक सार्वजनिक शौचालय बनाने होंगे जहाँ बहुत ही कम पैसे लिए जाएँ.एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि इससे सार्वजनिक अव्यवस्था होती है. इस तरह के अभियान से यह समस्या कम होगी.कोई बहाना नहींलेकिन नैरोबी को फिर से साफ़- सुथरा बनाने की ठान चुके शहर के अधिकारियों का कहना है कि वह कोई बहाना नहीं सुनेंगे.सार्वजनिक स्थलों पर पेशाब करने से रोकने वाले इस दस्ते के प्रमुख हिलेरी वाम्बुगु हैं.

वह कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि खुले में पेशाब करने के लिए कोई बहाना हो सकता है. उचित सुविधाओं की कमी का कारण देकर कोई ख़ुद को परेशानी में डालना चाहेगा. मैं कहूँगा की यह लोगों के व्यवहार में शामिल होता है. इससे छुटकारा पाना होगा."उन्होंने कहा, "इस आदत को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. हमें उन्हें रोकने के लिए उचित शिक्षा देनी होगी. जो भी वह कर रहे हैं उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्हें क़ानून को मानना ही होगा."दोषियों को पाँच से चौदह डॉलर तक का जुर्माना देना होगा या फिर जेल जाना होगा.यह अभियान शहर को साफ़ करने की बड़ी परियोजना का हिस्सा है. क्लिक करें कीनियाई राष्ट्रपति उहुरू केनयट्टा और नैरोबी के राज्यपाल मासिक साफ़- सफाई के काम की शुरुआत कर चुके हैं. इसमें सफाई के काम में सहयोग देने के लिए स्थानीय निवासियों को अपने काम से एक दिन की छुट्टी लेने को प्रोत्साहित किया जाएगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh