थंब इंप्रेशन और आइरिश स्कैन प्रमाणित करा रहा विभाग

डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र व्यवस्था हुई लागू, करीब 28 हजार पेंशनर्स

Meerut। पेंशनर्स को अब खुद को जीवित साबित करने के लिए हर साल ट्रेजरी आने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र की व्यवस्था मेरठ समेत यूपी के सभी जनपदों में लागू कर दी गई है। एक बार ट्रेजरी में डिजिटल रिकार्ड होने पर पेंशनर्स साल में एक बार अधिकृत केंद्र से ऑनलाइन थंब इंप्रेशन या आइरिश स्कैन कराकर अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकता है। इसके बाद उसकी पेंशन खाते में जाती रहेगी।

शासन ने दिए आदेश

गौरतलब है कि 14 दिसंबर को प्रमुख सचिव अनूप चंद्र पांडेय की ओर से सूबे के सभी डीएम को आदेश जारी कर डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। इस व्यवस्था में आधार कार्ड में अंकित बायोमेट्रिक्स के आधार पर ऑनलाइन जीवित प्रमाण-पत्र का डिजिटल रिकार्ड ट्रेजरी विभाग में जमा किया जाएगा। यह व्यवस्था ऐसे पेंशनर्स के लिए लागू होगी, जिनके पास आधार कार्ड उपलब्ध है।

यह है प्रक्रिया

डिजिटल प्रमाण-पत्र को जनरेट करने के लिए पेशनर्स को एक बार ट्रेजरी में पेंशन प्राधिकार पत्र, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की मूल प्रति और फोटोकॉपी लेकर आना होगा।

आइरिश स्कैन भी होगा

ट्रेजरी स्तर पर www.jeevanpramaan.gov.in वेबसाइट पर मोबाइल नंबर, आधार नंबर फीड करके पेंशनर्स डाटाबेस जनरेट किया जाएगा। जिन पेंशनर्स का थंब इंप्रेशन काम नहीं कर रहा है, उनका आइरिश स्कैन किया जाएगा।

वेबसाइट से मिलेगा प्रमाण-पत्र

डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र जेनरेट करने की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद मोबाइल नंबर पर ट्रांजेक्शन आईडी जेनरेट की जाएगी। इसके आधार पर पेंशनर्स कंप्यूटर जनरेटेड डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र वेबसाइट से प्राप्त कर सकेंगे। डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र रजिस्टर होने के बाद पेंशनर्स को ट्रेजरी में आने की आवश्यकता नहीं होगी।

यह होगी व्यवस्था

रजिस्टर्ड पेंशनर्स, जीवित प्रमाण-पत्र एप्लीकेशन फॉर्म टैब, स्मार्टफोन या विंडो कंप्यूटर में इस लिंक www.jeevanpramaan.gov.in पर फिंगर प्रिंट स्कैनर का प्रयोग करते हुए घर से ही डिजिटल प्रमाण-पत्र दे पाएंगे। जीवित प्रमाण-पत्र केंद्र, नागरिक सुविधा केंद्र पर भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।

मेरठ में 5,000 का डेटा स्कैन

चीफ ट्रेजरी ऑफिसर आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद में करीब 28 हजार पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स हैं। जिसमें से करीब 5 हजार का डाटाबेस कलेक्ट कर लिया गया है। ट्रेजरी ऑफिस में 3 स्कैनिंग मशीनों से डाटाबेस कलेक्ट किया जा रहा है।

शासन के निर्देश पर पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स का डाटाबेस कलेक्ट किया जा रहा है। डिजिटल जीवित प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू होने के बाद पेंशनर्स को ट्रेजरी आने के आवश्यकता नहीं होगी।

आनंद प्रताप सिंह, सीटीओ, मेरठ

Posted By: Inextlive