लोगों को डस रहा डेंगू का डंक
मंगलवार को 6 जगह मिला डेंगू का लार्वा
Meerut। शहर में डेंगू का डंक लोगों को डस रहा है। जिसकी बदौलत दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। शहर में भी जगह-जगह भारी मात्रा में डेंगू का लार्वा पनप रहा है। ये खुलासा भी जिला मलेरिया विभाग की चेकिंग में हुआ है। मंगलवार को भी कई जगह डेंगू का लार्वा पाया गया। इस दौरान विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया है। 6 जगह मिला लार्वानगर मलेरिया अधिकारी डॉ। रजत कुमार की अगुवाई में कांशीराम कॉलोनी में लार्वा चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान 6 जगह भारी मात्रा में डेंगू का लार्वा पाया गया। हालांकि टीम ने मौके पर ही लार्वा नष्ट करवा दिया और सभी को नोटिस थमा दिया। टीम में आशीष कुमार, संजय सिंह, प्रदीप रावत मौजूद रहे। इसके अलावा विभाग ने सभी जगह फॉगिंग करवाई और एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव भी किया। वहीं आस-पास के लोगों को इससे बचाव के बारे में भी जानकारी दी।
एडवाइजरी जारी डेंगू के बारे में स्कूली बच्चे जागरूकता फैलाएंगे। स्कूलों में ड्रेस कोड लागू होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संगोष्ठी आयोजित होंगी। सभी अस्पतालों में फीवर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी।डेंगू व चिकिनगुनिया रोगियों के लिए 10 से 20 बैड रिजर्व रखे जाएंगे।
ओपीडी में आने वाले मरीजों और परिजनों की अत्याधिक आवाजाही वाले स्थानों पर डेंगू कंट्रोल बैनर चस्पा किए जाएंगे। नगर मलेरिया अधिकारी व नगर निगम अधिकारी डेंगू संभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाएंगे। जिला मलेरिया विभाग की ओर से कूलर व कंटेनर सर्वे होगा। यह रखें ध्यान डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता हैं। तीन दिन में लार्वा ग्रो कर लेता है। डेंगू का ऐग एक साल तक सर्वाइव कर सकता है व पानी के संपर्क में आने पर लार्वा पनप जाता है। यह मिले थे डेंगू के केस 2019- 02 2018-153 2017- 660 2016- 183 2015- 205 डेंगू के लक्षण तेज बुखार डायरिया सिर में तेज दर्द, भूख न लगना जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द त्वचा में जलन और लाल चकत्ते पड़ना डेंगू से ऐसे करें बचाव हर तीन दिन बाद कूलर, बाल्टी, कंटेनर आदि का पानी बदलें। साफ पानी के बर्तन ढककर रखें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। रात में सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।इकट्ठे हुए पानी का निकलना संभव न हो तो मिटी का तेल या ट्रेक्टर का जला हुआ काला तेल उसमें डाल दें।
यह न करें नालियों, बर्तन, कूलर, टायर, गमलों में साफ पानी स्टोर न होने दें। घर के आसपास कूड़ा इकट्ठा न होने दें। छत और कबाड़े में रखे टायर, डब्बे, टूटे गिलास, टूटे मटकों को इकट्ठा न करके रखें। बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी प्रकार की दवा न लें।