शराब, बीयर के ठेके में हैसियत छूड़ा रही पसीना
- कलेक्ट्रेट परिसर में ठेके लिए सहायक बाबू के पास उमड़ी भीड़
- प्रतिदिन दो से तीन सौ तक की संख्या में आ रहे हैसियत प्रमाण पत्र के आवेदन GORAKHPUR: विदेशी शराब और बीयर की दुकान का ठेका लेने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने में पसीने छूट रहे हैं। न सिर्फ आवेदकों के पसीने छूट रहे बल्कि कलेक्ट्रेट में तैनात डाक सहायक बाबू के पास भी अचानक से आवेदकों की भीड़ बढ़ने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। पहली बार लग रहा है हैसियत प्रमाण पत्रबता दें, देशी शराब की 280 दुकानें, विदेशी शराब की 115, बीयर की 107 व मॉडल शाप की 12 दुकानों का ई-लाटरी के जरिए एलॉटमेंट करना है। यह एलाटमेंट जिलाधिकारी कार्यालय से होना है। शराब, बीयर के दुकानों के ठेके लिए 20 फरवरी से आवेदन प्रक्रिया स्टार्ट हो गई है। 28 फरवरी की शाम 7 बजे तक लोग आवेदन कर सकेंगे। समय कम होने के कारण आवेदकों की जबरदस्त भीड़ कलेक्ट्रेट में लगनी शुरू हो गई है। लेकिन पहली बार शराब, बीयर व माडल शाप के आवेदकों को हैसियत प्रमाण पत्र मांगा गया है। जिसे बनवाने में पसीने छूट रहे हैं।
लेखपाल, कानूनगों के लगा रहे चक्करदरअसल, जो आवेदक डीएम आफिस में देशी शराब, विदेशी शराब व माडल शाप के लिए आवेदन करने आ रहे हैं। उन्हें आवेदन करने में कई नॉर्म्स को फालो करना पड़ रहा है। आवेदक जहां आधार कार्ड, पैन कार्ड, इनकम टैक्स, शपथ पत्र, फोटो की जहां ऑनलाइन आवेदन करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है लेकिन हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उन्हें क्षेत्र के लेखपाल, कानूनगो के हस्ताक्षर समेत तहसीलदार की रिपोर्ट लगवाने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं।
लगाए गए हैं 20 कर्मचारी 20 फरवरी के बाद से अचानक भीड़ बढ़ने से जहां प्रशासनिक कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की हालत खराब हो गई है। वहीं भीड़ को कंट्रोल करने के लिए करीब 15 से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। हैसियत प्रमाण पत्र को लेकर फैक्ट फीगर ई- लाटरी के लिए आवेदन करने की अवधि - 20 से 28 फरवरी की शाम 7 बजे तक ई-लाटरी की तिथि व समय एवं स्थल - चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण जिले की ई-लाटरी की तिथि, समय, स्थल चुनाव आयोग के अनुमति के बाद विज्ञापित होगा। ई-लाटरी में आवेदन के लिए वेबसाइट http://upexciseelottery.gov.in पर आवेदन करना है। कोट्सआवेदन करने में काफी दिक्कत है। चूंकि ऑनलाइन आवेदन करना है। इसलिए उसके नार्म्स तो पूरे कर लिए जा रहे हैं। लेकिन क्षेत्र के लेखपाल और कानूनगों फिर तहसीलदार आफिस में चक्कर लगाना पड़ रहा है।
मनीष पहले आवेदन में इतनी दिक्कत नहीं थी। लेकिन नियम कठिन हो गया है। इसलिए बहुत परेशानी हो रही है। कागजी प्रक्रिया बेहद कठिन हो गया है। राजन