- खतरनाक केमिकल की बात पता करने के बाद मैगी की सेल में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट

- 80 फीसदी शॉपकीपर्स ने मैगी की डिमांड की बंद

-2014 बैच को मार्केट से वापस लेने के आदेश

BAREILLY: बच्चों की मोस्ट फेवरेट डिश मैगी नूडल्स को अब मॉम ने किचन में इंट्री को बैन कर दिया है। लेड व मोनो सोडियम ग्लूकामेट के मैगी में पाए जाने की सूचना के बाद सिटी में मैगी की सेल में म्0 फीसदी से ज्यादा गिरावट हुई है। ऐसे में रूठे बच्चों को मनाने के लिए मॉम अब घरेलू डिश पर ज्यादा फोकस कर रही है। वहीं मैगी में मिलावट की वजह से शॉपकीपर्स ने भी इसे न कहना शुरू कर दिया है।

होलसेलर्स को बड़ा झटका

लगभग बैन होने जैसी स्थिति तक पहुंच गई मैगी से होलसेलर्स और डीलर्स को काफी जोर का झटका लगा है। उनके मुताबिक सिटी में सबसे ज्यादा मैगी की डिमांड होती है। डीलर राहुल के मुताबिक सिटी में छोटे और फैमिली पैक मिलाकर करीब 80 हजार पैकेट्स की डेली सेल होती थी, वहीं अब इसकी सेल फ्0 हजार तक पहुंच गई है। वह बताते हैं कि जिस तेजी से लोग मैगी को एवाइड कर रहे हैं, उससे लग रहा है कि जल्द ही इसकी सेल का आकड़ा सैकड़ों तक पहुंच जाएगा।

पोषक तत्व नहीं है

फिजिशियन के मुताबिक मैगी केवल भूख मिटाने का काम करती है। जिसमें पोषक तत्व नहीं हैं। जबकि बच्चों को प्रोटीन और विटामिन्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में भूख तो मिट जाती है, लेकिन बॉडी में कमजोरी आने लगती है। बॉडी में ब्लड कार्पसल्स कम हो जाने से हार्ट कमजोर और याद्दाश्त कम होने लगती है।

तो जहर सी होगी मैगी

डॉक्टर्स ने बताया कि अगर मैगी में एमएसजी 'मोनोसोडियम ग्लूटेमेट' और लेड की काफी मात्रा है तो फिर यह बच्चों समेत बड़ों के लिए भी जहर समान है। लेड की अधिक मात्रा होने से ब्रेन, लिवर, पाचन क्रिया और नर्वस सिस्टम डैमेज होने की संभावना प्रबल है। वहीं बॉडी में लेड की अधिक मात्रा से कैंसर की संभावना भी है। जबकि एमएसजी स्लो पॉयजन है। जिसकी हल्की सी भी मात्रा से नर्वस सिस्टम को पूरी तरह डैमेज कर देती है। अल्जाइमर, पर्किंसन्स समेत अन्य बीमारियां का भी यह कारण है।

बरेली में भी सैंपल भरने का आदेश

फ्राइडे को विभाग फूड सेफ्टी एंड ड्रग अथॉरिटी को मुख्यालय से नोटिस मिली है। जिसमें निर्देश दिया गया है कि सिटी के मॉल, शॉप्स, से भी नमूने भरकर जांच के लिए भेजा जाए। एफएसडीए डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर अजय जायसवाल ने बताया कि नमूने भरने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।

फैमिली ने पहले ही कर दी बैन

पेरेंट्स बच्चों को किसी भी तरह की प्रॉब्लम में नहीं डालना चाहते। इसीलिए उन्होंने पिछले दिनों न्यूज फ्लैश होने के बाद ही मैगी को नकारना शुरू कर दिया। वहीं, बच्चों की जिद पर अन्य घरेलू तरीकों से उन्हें पूरी करने की कवायद कर रही है। रामपुर गार्डेन की शिखा ने बताया कि उनके दोनों बच्चें परडे स्कूल से लौटने के बाद मैगी ही खाते थे। वहीं, छुट्टियां शुरू होने के बाद घर में दर्जन भर पैकेट पड़े रहते थे। लेकिन जिस दिन उन्हें हानिकारक होने की सूचना मिली। उन्होंने पैकेट्स को वापस कर दिया।

बाक्स--------------------

अब घरेलू टिप्स का सहारा

हाउसवाइफ के मुताबिक मैगी को नजरअंदाज करने के लिए नए इजिली मेकिंग फूड टिप्स का सहारा लिया जा रहा है। इसमें

- सिंवई में नमक अथवा चीनी मिलाना

- कई वैराइटीज की कुकीज बनाना

- घर पर ही मैदे से नूडल्स बनाना

- चावल फ्राई करना

- पास्ता बनाना

- पोहा बनाना

- चाउमीन बनाना

- मैक्रोनी बनाना

भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्

बाराबंकी से लिया गया था सैम्पल

बीते हफ्ते एफएसडीए की रिपोर्ट में यूपी के बाराबंकी जिले के मैगी सैंपल फेल हुए थे। इसके बाद विभाग ने क्ख् अलग-अलग सैंपल लेकर कोलकाता स्थित लैब में भी इसका टेस्ट कराया था। यहां भी इनका सेवन हेल्थ के लिए अनफिट बताया गया। रिपोर्ट में मैगी के इन पैकेटों में लेड की मात्रा क्7.ख् पीपीएम (पा‌र्ट्स पर मिलियन) पाई गई। यह तय मानक से करीब सात गुना अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, मैगी नूडल्स में लेड और सोडियम ग्लूटामेट का खतरनाक स्तर पाया गया। बता दें कि लेड की स्वीकार्य स्तर .0क् से ख्.भ् पीपीएम के बीच होता है।

ख्0क्ब् बैच के मैगी नूडल्स को वापस लेने के आदेश

यूपी के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के एडिशनल कमिश्नर राम अरज मौर्य ने बताया कि मैगी के सैंपल फेल हुए थे। ये हमारी हेल्थ के लिए अनसेफ पाए गए थे। हमारी लैब और कोलकाता की लैब दोनों ही जगह रिपोर्ट में ये सैंपल फेल हुए। यह सभी नमूने मार्च ख्0क्ब् में लिए गए थे। जिसके बाद ख्0क्ब् बैच के सभी मैगी को वापस लेने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद प्रदेश भर में रैंडमली और नमूने लेकर जांच के आदेश दिए हैं। जिनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।

नेस्ले ने वापस मंगाए मैगी नूडल्स

नेस्ले इंडिया ने इसके बाद आधिकारिक बयान जारी करके कहा था कि नूडल्स में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) नहीं मिलाते हैं। हम जो रॉ मटेरियल मिलाते हैं उसमें नेचुरल ग्लूटामेट हो सकता है, जिसके बारे में कामर्शियली प्रोड्यूज्ड एमएसजी का भ्रम पैदा हो गया। ग्लूटामेट सुरक्षित है और यह हर दिन यूज की जाने वाली हाई प्रोटीन वाली चीजों जैसे टमाटर, पनीर, प्याज, दूध, मटर जैसी चीजों में पाया जाता है।

क्या है मोनोसोडियम ग्लूटामेट

एमएमजी एक प्रकार की अमीनो एसिड है जो नेचुरली एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। इसका प्रयोग पैकेज्ड फूड का फ्लेवर बढ़ाने के लिए कृत्रिम तौर पर होता है। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक इस तरह के केमिकल्स हेल्थ, खासतौर पर बच्चों के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। फूड सेफ्टी रेगुलेशंस कंपनियों को पैकेजिंग पर यह उल्लेख करने का भी निर्देश देती है कि उन्होंने एमएमसी का यूज किया है।

लेड से हो सकती है डेथ

लेड हमारे बॉडी में तय मात्रा से अधिक जाने पर लेड प्वायजिंग की समस्या हो जाती है। जिसमें लर्निग एंड बिहेवियरल डिस्आडर्स, पेट में दर्द, हेडेक, एनीमिया, झटके आना, कोमा और डेथ होने की समस्या हो सकती है।

भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्भ्

ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्

जिस दिन मैगी में हानिकारक रसायन की सूचना मिल थी उसी दिन से घर में मैगी खरीदना बंद कर दिया। बच्चों की हेल्थ से किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते।

रूपाली अग्रवाल, हाउसवाइफ

बच्चों को मैगी न खाने की सलाह देती रही हूं। लेकिन उनकी जिद पर अक्सर मान जाती थी। लेकिन अब किसी तरह का कोई कंप्रोमाइज नहीं किया जा रहा है।

राखी मनोहर, हाउसवाइफ

मैगी ही नहीं किसी भी तरह के नूडल्स को बच्चों को खाने से मना कर दिया है। घर पर तो मैगी का पैकेट कई दिनों से नहीं मंगाया है। बच्चों की सेहत ज्यादा जरूरी है।

अनुराधा, हाउसवाइफ

मैगी अब कोई खरीदता ही नहीं। इसीलिए मैगी को सेल्समेन से खरीदना बंद कर दिया है। कुछ पुराने पैकेट्स पड़े हैं। उन्हें ही सेल किया जा रहा है।

राजू, शॉपकीपर

हानिकारक तत्वों की पुष्टि की खबर की वजह से शॉपकीपर्स ने मैगी का पैकेट खरीदना बंद कर दिया है। फ्भ् शॉप्स पर गया था लेकिन केवल दो शॉप्स ने ही ऑर्डर लिया है।

राजीव, सेल्समेन

एफएसएसआई से फ्राइडे को सैंपल भरे जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले विभाग द्वारा इजी डे शॉपिंग काम्पलेक्स से मैगी के एक सैंपल लेकर भेजा जा चुका है।

अजय जायसवाल, डीओ, एफएसडीए

पोषक तत्व विहीन खाद्य पदार्थ 'मैगी' स्लो पायजन की तरह है। एमएसजी ओर लेट के प्रभावों का पता शुरुआती दौर में नहीं चलता। लेकिन बाद में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं।

डॉ। सुदीप सरन, फिजिशियन

मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट और लेड का पाया जाना सेहत के लिए काफी खतरनाक है। इनके साइड इफेक्ट से बर्निंग सेंसेशन, हार्ट, लिवर, ब्लडप्रेशर समेत अन्य डिजीज हो जाती हैं।

डॉ। वीके दस्माना, फिजिशियन

Posted By: Inextlive