- सैनिटाइजर का यूज करें जरा संभलकर, स्किन की बढ़ सकती है समस्या

- पहले से स्किन प्रॉब्लम हो तो न करें सेनिटाइजर का यूज

- केमिकल के कारण स्किन की नेचुरल नमी हो सकती है खत्म, साबुन से हाथ धोना बेहतर विकल्प

GORAKHPUR: कोरोना वायरस के चलते इन दिनों सैनिटाइजर का यूज आम जीवन में कई गुना बढ़ गया है। बाजारों में कालाबाजारी भी होने लगी है लेकिन पब्लिक को ये नहीं पता है कि इसके कई साइडइफेक्ट भी हैं। घर पर रहकर भी लोग बार-बार हैंड वॉश या साबुन से हाथ धोने के बजाय सैनिटाइजर का यूज कर रहे हैं, लेकिन इसका अधिक यूज भी हाथों में एलर्जी, रूखापन और खुजली दे सकता है। स्किन एक्सप‌र्ट्स की मानें तो बाजार में मौजूद 70 प्रतिशत हैंड सैनिटाइजर अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं। दूसरे देशों के मुकाबले इंडिया में सैनिटाइजर में स्प्रीट का अधिक यूज होता है जिसका यूज स्किन में एलर्जी का कारण बन सकता है।

नष्ट हो जाते हैं माइक्रोबायोम

स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। नवीन वर्मा का कहना है कि हम सभी सोचते हैं कि हैंड सैनिटाइजर का यूज करना एक अच्छी सोच है, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका बहुत अधिक यूज करने से हमारे हाथ के माइक्रोबायोम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हाथ के सैनिटाइजर की मादक सामग्री के कारण हमारी स्किन और शरीर को स्वस्थ रखने वाले अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा, अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर गंदगी को ठीक से दूर नहीं करते। ये हाथों को गंदा करने पर बैक्टीरिया और वायरस को मारने में कम प्रभावी होते हैं।

स्किन के लिए ठीक नहीं अधिक मात्रा

एक्सपर्ट की मानें तो लोग साबुन के साथ-साथ सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धो रहे हैं। ऐसा बार-बार करने से स्किन ड्राई हो सकती है। हमारी स्किन की सबसे बाहरी परत तेल और वैक्स से बनी होती है। यह बाहर से एक ढाल के रूप में काम करता है, जो स्किन में प्राकृतिक नमी बनाए रखता है। सैनिटाइजर में विषैले तत्व और बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है, जो कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हाथों से बाहर निकाल देता है, लेकिन यह हमारी स्किन के लिए बहुत अधिक मात्रा में ठीक नहीं होता है। इससे जलन और खुजली हो सकती है।

ये जरूर जानें और समझें

हाथ धोने के दौरान साबुन से यह नेचुरल अवरोध टूट जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि कम से कम 20 सेकेंड के लिए गर्म पानी से धोएं, अपने हाथों को तौलिए से थपथपाते हुए साफ करें। एक बार जब आपके हाथ सूख जाते हैं, तो तुरंत एक मॉइस्चराइजर इस्तेमाल करें। ध्यान रखना जरूरी है कि जहां कहीं हाथ साबुन से धोना संभव न हो वहीं सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि सैनिटाइजर हाथ के ऊपर के कीटाणु को तो मार देता है पर उसे हाथ से हटाता नहीं जबकि साबुन से हाथ धोने पर कीटाणु हाथ की ऊपरी त्वचा से हट जाते हैं।

ये हैं इसके साइड इफेक्ट

- स्किन लाल होने लगती है, छोटे-छोटे दाने भी हो सकते हैं।

- हाथों में रूखापन और स्किन ड्राई होने के साथ खुजली भी हो सकती है।

- खुशबू के लिए अधिकतर फैथलेट्स नामक रसायन का इस्तेमाल होता है, यह भी हानिकारक होती है।

- सैनिटाइजर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम करते हैं।

- अल्कोहल की मात्रा होने की वजह से ये बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

वर्जन

सैनिटाइजर का ज्यादा यूज सही नहीं है। जिन्हें खासतौर पर पहले से स्किन संबंधित परेशानी है, वे सैनिटाइजर का उपयोग कम करें। हैंड वॉश या साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक बेहतर ढंग से हाथ धोएं। यह वक्त है अपनी सुरक्षा करने का, ऐसे में अगर किसी भी तरीके की परेशानी है तो डॉक्टर को दिखाएं।

डॉ। नवीन वर्मा, स्किन स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive