कंप्यूटर सेंटर में फर्जी वेबसाइट बनाकर सरकारी नौकरी बांट रहे थे। एसटीएफ ने लखनऊ में गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया।


lucknow@inext.co.inLUCKNOW : एसटीएफ ने संडे को गोमतीनगर से कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर के नाम पर सरकारी जॉब दिलाने का फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह पशु एंव डेयरी विकास, ग्रुप डी, पुलिस सिपाही भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी, नलकूप विभाग, बीएसएनएल, तथा एफसीआई आदि में भर्ती कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलता था। एसटीएफ ने भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए है। गिरोह के छह अन्य सदस्य फरार होने में कामयाब हो गये जिनकी तलाश की जा रही है।फर्जी वेबसाइट भी बनाई
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि लखनऊ व आसपास के जिलों में फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को सरकारी विभाग में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय होने की सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि एक गिरोह चिनहट इलाके में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र की आड़ में यह फर्जीवाड़ा कर रहा है। गैंग का सदस्य धीरेंद्र गुप्ता चिनहट के सपना स्वीट पर किसी का इंतजार कर रहा है जिसे एसटीएफ ने तत्काल दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वे बड़े पैमाने पर जाली शैक्षिणिक प्रमाण पत्र तैयार करके व जाली वेबसाइट तैयार कर अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूल करते है। हाल ही में इन्होंने रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप डी में 200 अभ्यर्थियों की फर्जी भर्ती के परिणाम से लाखों रुपयों की ठगी की। इसी तरह डेयरी विकास का फर्जी रिकू्रटमेंट ऑफिस व इसकी शाखा प्रयागराज, वाराणसी में खोलकर अभ्यर्थियों का इंटरव्यू कर नियुक्ति पत्र जारी किए।  एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि इसी तरह तमाम अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में ओएमआर शीट भरकर अभ्यर्थियों को चुने जाने का यकीन दिलाते थे। गैंग के 6 सदस्यों की तलाश की जा रही है।इनको किया गिरफ्तारधीरेंद्र कुमार गुप्ता, दिग्विजय सिंह, रविकांत शर्मा, गिरजा शंकर उर्फ दीपक शर्मा, वशिष्ठ तिवारी।ये हैं फरार- मानवेंद्र, सर्वजीत, गिरीश वर्मा, सुमित गौतम, संजीव मिश्रा, अंकितये हुई बरामदगी- 50 ब्लैंक चेक, 100 शैक्षणिक प्रमाण पत्र व दस्तावेज, विभिन्न सरकारी विभागों के प्रवेश पत्र, 14 मोहरें अलग-अलग विभागों की तथा 20 अर्धनिर्मित मोहरें, 10 मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, पांच एटीएम, एक पैन कार्ड, तीन चार पहिया वाहन, राष्ट्रीय पशु एंव डेयरी विकास परिषद के फर्जी दस्तावेज।

Posted By: Mukul Kumar