लोगो की जान बचाने वाला इंसान खुद अपने ही हास्पिटल में अपनी जान नहीं बचा पाया। यह हास्पिटल में तैनात डाक्टरों के लिए शर्म की बात है। इस घटना के बाद हास्पिटल के सुरक्षा की पोल भी खुल गई है। इतनी टाइट सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद बदमाश आए और वारदात को अंजाम देकर चले गए। सौ नम्बर पुलिस के वाहन भी कुछ नहंी कर पाए।

हिमांशु मिश्रा

150 सिक्यूरिटी गार्ड ,हर शिफ्ट में 8 बाउंसर एवं 150 का स्टाफ होने के बावजूद बदमाशों ने सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए इस जघन्य घटना को अंजाम दिया। हास्पिटल के अंदर इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर बदमाश खुलेआम भाग जाते है और सुरक्षा कर्मी उनकी कुछ नहीं कर पाते है। कानून व्यवस्था तो ख़राब है ही वो बन्दा इतना सिक्यूरिटी इंतेज़ाम कर के भी कुछ नहीं कर पाया।

Brajesh Sawhney

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। ये किसी से छुपा नही, कितना भी सिक्योरिटी सिस्टम लगा लें लेकिन जब तक हम खुद अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते है। दूसरे सुरक्षा की बात करना बेकार है। पुलिस का राजनैतिक उपयोग करने के बजाय उनका मनोबल बढाने का प्रयास अगर किया जाये तो स्थिति बहुत बेहतर हो सकती है। वरना पुलिस का हाल ये है कि आम लोग उनसे डरते हैं और अपराधी उन्हें ट्रांसफर पोस्टिंग या नौकरी से निकलवा देने की धमकी अपने राजनैतिक आकाओं के बल पर देते हैं।

Brajesh Tripathi

घटना के पीछे प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था की कमी है। बदमाश इतने बेखौफ हो गए है कि उन्हें पुलिस से जरा भी डर नहीं लगता है। यहीं वजह है कि अपराधी किसी भी घटना को अंजाम देने से नहीं चूकते, और पुलिस लाख सुरक्षा का दावा करने के बावजूद अपराधियों के सामने बेबस नजर आती है।

Akash Dubey

जिस प्रकार से अपराधियों ने डाक्टर एके बंसल को उनके ही हास्पिटल में घुसकर हत्या की और भाग निकले, इससे उनके हास्पिटल के सुरक्षा गार्ड पर उंगली उठती है। सुरक्षा में तैनात गार्ड आखिर उस वक्त कहां थे। अगर सुरक्षा इंतजाम अच्छे होते तो शायद आज डाक्टर बंसल जिंदा होते।

Sudhanshu Mishra

डॉ बंसल की जिस प्रकार से हत्या की गई वह बहुत की शर्मनाक है। हजारों सैकड़ों के बीच उनकी उनके हास्पिटल में हत्या कर दी जाती है और कोई कुछ नही कर पाया। इस घटना में पुलिस को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है।

Neera Tripathi

इस घटना ने कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। अपराधी सरेआम असलहा लेकर घूम रहें है और पुलिस इनका कुछ नही कर रही है। चेकिंग के नाम पर महज खानापूर्ति होती है। सिक्यूरिटी सिस्टम को लेकर सबसे बड़ा सवार तो हास्पिटल का उठता है।

Nitin Jaiswal

जीवन ज्योति हास्पिटल में सीसीटीवी लगे हुए है। उसके बावजूद हमलावर बेखौफ होकर आते है और हत्या कर चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में तो कोई भी डॉक्टर शहर में सुरक्षित नही है। सवाल यह उठता है कि जिन लोगों को कैमरे और सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था वो लोग उस वक्त क्या कर रहें थे।

Shantanu Tiwari

Posted By: Inextlive