PRAYAGRAJ: देश स्तब्ध है। लोगों के दिल में आक्रोश है। उन्हें किसी भी हाल में बदला चाहिए। चाहते हैं कि भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे। पुलवामा की आतंकी घटना को अंजाम देने वालों के लिए यही जवाब माकूल होगा। मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन-2019 के दूसरे दिन युवाओं से बातचीत में यह सबसे बड़ा मुद्दा रहा। सिविल लाइंस स्थित पैनग्रीन्स कारपोरेशन इंडिया प्रालि के कार्यालय में हुई डिस्कशन में अन्य कई मुद्दों पर भी युवाओं ने अपनी बात रखी।

कहां हो गई चूक

पूरा देश जिस आतंकी घटना से आहत है उससे हमारे युवा कैसे अछूते रह जाते। डिबेट के दौरान उन्होंने एक स्वर में घटना का विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि आखिर कैसे सुरक्षा एजेंसियां चूक गई? तीन सौ किलो विस्फोटक लेकर एक आतंकवादी सेना की ट्रक से कैसे टकरा सकता है। हमारा सुरक्षा तंत्र उस समय कहां था? आखिर जिस देश में सेना के जवाब सुरक्षित नही हैं वहां जनता कैसे खुद को सेफ महसूस कर सकती है। ऐसी घटना के बाद सबसे पहले सरकार को सुरक्षा के मुद्दे पर सहज होना होगा।

मुआवजा नहीं अटैक चाहिए

मुद्दे तो हमारे पास बहुत से थे लेकिन मिलेनियल्स घूम-घूमकर आतंकी हमले पर ही आ रहे थे। उनका कहना था कि उरी हमले के बाद सरकार ने दावा किया था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब आतंकी सिर नहीं उठाएंगे। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उनका कहना था कि जवानों के परिवार को मुआवजा देने से बेहतर है कि ईट का जवाब पत्थर से दिया जाए। 42 के मुकाबले 4200 आतंकियों को मार गिराया जाए। यह समय सोचने का नहीं बल्कि कुछ कर गुजरने का है।

एक देश एक टैक्स की बात करे सरकार

अन्य मुद्दों में जीएसटी पर लोगों का कहना था कि इस सिस्टम के बाद छोटा व्यापारी परेशान हो गया है। छोटे दुकानदारों का समय केवल फॉर्म भरने में बीत रहा है। वह सीए के ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं। चूक जाते हैं तो टैक्स भरना पड़ता है। अभी भी जीएसटी कई व्यापारियों को समझ नहीं आया है।

आरक्षण, मुद्रा बैंक, स्टार्टअप पर भी बोले

दस फीसदी आरक्षण के मामले को कुछ ने सपोर्ट किया तो कुछ ने खारिज किया। उनका कहना था कि ओवरऑल इससे सोसायटी में बराबरी नहीं आएगी। जाति की जगह योग्यता के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। ज्यादातर युवाओं ने मुद्रा बैंक योजना की सराहना की। फिर भी उनका कहना था कि बैंक पैसे वितरण में मनमानी कर रहे हैं। नियमों के विपरीत वह जनता से लायबिलिटी फिक्स करते हैं जो सही नहीं है। यही हाल स्टार्टअप योजना का भी है। सरकार की मंशा सही है, लेकिन बैंक और सिडबी की शर्तो को पूरा नहीं करने से युवाओं को लोन नहीं मिल पा रहा है।

विकास के मामले पर बोले ओके

डिबेट के दौरान जब रोजगार, जीएसटी और नोटबंदी पर सरकार की खिंचाई हो रही थी तभी विकास के मामले पर उन्होंने सपोर्ट भी किया। लोगों का कहना था कि जिस तेजी से सड़कों और पुलों का विकास हुआ है उससे व्यापार सहित कई चीजों को बढ़ावा मिलेगा। कुंभ के दौरान प्रयागराज और आसपास के जिलों के विकास को भी सराहा गया। यह भी कहा गया कि स्वच्छ भारत और डिजिटल इंडिया जैसे मामलों पर जनता संतुष्ट हो सकती है। हालांकि एक वर्ग ऐसा भी था जिसने कंक्रीट के जंगलों को खड़ा किए जाने को विकास मानने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक प्रत्येक व्यक्ति को रहने, खाने और पहनने की श्योरिटी नही मिल जाती, विकास का असली मकसद पूरा नही होगा।

कड़क बात

टी प्वाइंट डिस्कशन में रोजगार एक बड़ा मुद्दा रहा। युवाओं का कहना था कि सर्टिफिकेट दे देने मात्र से रोजगार नहीं मिल जाता। उनका इशारा कौशल विकास योजना की तरफ था। लोगों को पता ही नहीं कि असल योजना क्या है। उसका मकसद क्या है? सरकार की रोजगार से जुडी योजनाओं को कुछ लोग कैप्चर कर लेते हैं और फिर धन उगाही में लग जाते हैं। दूसरों ने इसका समर्थन भी किया। सरकारी सेक्टर में वैकेंसी हैं लेकिन भर्तियां ठप हैं। इनको शुरू कर दिया जाना चाहिए।

मेरी बात

नोट बंदी पूरी तरह फेल्योर थी। प्रधानमंत्री की मंशा बेहतर रही होगी लेकिन इससे आम जनता प्रभावित हुई। अचानक 500 और 1000 के नोट बंद हो जाने से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई। व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। कुछ लोगों ने इस कदम का भरपूर लाभ उठाया। सरकार नोटबंदी के घाटे की भरपाई अब जीएसटी के माध्यम से कर रही है।

-नूर खान, व्यापारी

सरकार की योजनाओं से व्यापारी थोड़ा परेशान हैं। व्यापार की हालत खराब है। मार्केट में मंदी का दौर चल रहा है। कई लोगों का रोजगार जा चुका है। छोटे व्यापारी जीएसटी में उलझ गए हैं और बड़े व्यापारियों को सरकार की नई घोषणाओं से कुछ हासिल नहीं हो रहा।

-मो। फारुख

सरकार के पास कोई जवाब नहीं बचा है। अब जुमलों का दौर चला गया है। काम करने का समय आ गया है। जवानों की मौत के जवाब में बिना देरी किए आतंकी ठिकानों पर हमला कर देना चाहिए। पाकिस्तान अगर उनका साथ देता है तो उसे भी ईट का जवाब पत्थर से देना होगा।

-मो। इमरान

एक दिन के लिए कोई एमपी या एमएलए बनता है तो उसे आजीवन पेंशन दी जाती है। कर्मचारियों के साथ ऐसा क्यों नहीं है। पेंशन उनका अधिकार है। नए लोगों को रोजगार दिया जाना चाहिए। कार्यालयों में एक आदमी पर चार का बोझ है। नए लोगों को रोजगार दिया जाना जरूरी है।

-रिजवान

पुलवामा की घटना के पीछे कौन लोग हैं इसका पता लगाना होगा। आखिर सुरक्षा एजेंसियों से कहां चूक हो गई है। यह बड़ा सवाल है। पहले लूप होल का पता लगाया जाए। साथ ही जवाबी हमला कर देना चाहिए। तभी जाकर देश की करोड़ों की जनता का आक्रोश कम होगा।

-मो। चांद खान

पूरा देश स्तब्ध है। रोजगार, ब्लैक मनी, स्वच्छ भारत जैसे मुद्दे तभी पूरे होंगे जब हम सुरक्षित होंगे। जो सेना हमारी रक्षा कर रही है उसकी सुरक्षा आज खतरे में है। इसका जवाब देना होगा। आम जनता को सुरक्षा की श्योरिटी की जरूरत है। सरकार को विकास के साथ इस मुद्दे पर भी तत्काल कदम उठाना होगा।

-मो। काशिफ

जीएसटी पर सिंगल टैक्स का प्रावधान किया जाना चाहिए। इसे अधिक सरल बनाना चाहिए। फाइन का प्रावधान भी कम किया जाना चाहिए। छोटे व्यापारियों के समझ आ जाए ऐसी जीएसटी टैक्स की प्रणाली होनी चाहिए। फिलहाल तो व्यापारी चकरघिन्नी बने हुए हैं और सीए के चक्कर काट रहे हैं।

-अभिनय वर्मा

सरकार ने चुनाव के समय काला धन लाने का वादा किया था। वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। रोजगार एक बड़ा मुद्दा था जिस पर युवा आज भी इंतजार कर रहा है। हमारा मुद्दा युवाओं को नौकरी है। जो सरकार इस पर खरी उतरेगी, उसे ही सपोर्ट किया जाएगा। फालतू वादों और दावों को युवा अब समझ चुके हैं।

-अशरफ

महंगाई कम नहीं हुई। पेट्रोल और डीजल के दाम वहीं टिके हुए हैं, थोडी राहत मिली लेकिन वह नाकाफी है। सरकार को बड़े कदम उठाकर महंगाई को कम करना होगा। दाम नही बढ़ रहे तो ठीक है लेकिन इनका कम होना भी जरूरी है। एक बड़ी जनसंख्या ऐसी है तो अभी महंगाई के चलते अपने जीवन के ठीक से नहीं बिता पा रही है।

-मो। अनवर

Posted By: Inextlive