अपने रिश्तेदारों के घर पर फंसे हैं शहर के लोग

सिर्फ व्हाट्सऐप और वीडियो कॉल से हो रही बातचीत

Meerut । लॉकडाउन के कारण जो व्यक्ति जहां है वहीं ठहर गया है। ऐसे में कुछ लोग तो घर में रहकर कोरोना को टक्कर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रिश्तेदारियों फंस गए हैं। अब मजबूरन उन्हें अपने रिश्तेदारों के घर रुकना पड़ रहा है। हालांकि, परिजन उन्हें वापस बुलाने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन नतीजा सिफर है। इस कारण वो अपनों से वीडियो कॉल्स या फोन कॉल्स के जरिए बातचीत कर रहे हैं।

रिश्तेदारों के घर रुके

कई ऐसे लोग हैं जो अपने किसी काम से मेरठ के बाहर गए थे। अब लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए हैं। ऐसे में उनके परिजन मेरठ में रहकर सिर्फ उनसे बातचीत कर रहे हैं या फिर वीडियो कॉल कर रहे हैं। यही नहीं, वो अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए परेशान तक हो रहे हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पा रहा है।

कोशिश की, पर नहीं कामयाबी

उन लोगों का कहना है कि हर कोई कोशिश करता है अगर उसका कोई बाहर फंसा हो, उसको बुलाने की, उन्होनें भी कोशिशें बहुत की हैं, लेकिन कोई भी जुगाड़ नहीं हो पाया है। न तो कोई बाहर से गाड़ी वाला लाने को तैयार है न ही कोई पास बनाकर दे रहा है, न ही कोई सुविधा ऐसी मिल रही है जिनसे कोई अपने घर पहुंच पाए।

मेरा बेटा ऑफिस के काम से दिल्ली गया था, पता लगा अब लॉकडाउन हो गया है, पहले लगा कुछ दिन की बात है। उसको बोला, बुआ के घर रुक जाए, लेकिन अब तो लम्बा हो गया बहुत परेशानी है। कोशिश की पर कोई साधन नहीं है।

रेखा सिंह, शास्त्रीनगर

बेटी अपनी मौसी के घर सहारनपुर गई थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से फंस गई है। कई बार कोशिश की, कोई जुगाड़ हो जाए, लेकिन वो नहीं आ सकी।

शिल्पी भल्ला, थापरनगर

मेरे तो देवर बाहर गए थे बिजनेस के सिलसिले में, लेकिन अब वो लखनऊ में ही फंसे हैं। उनका बचपन का दोस्त है। उनके घर पर ही रह रहे है। बहुत ही टेंशन हो रही है कब खुलेगा लॉकडाउन।

शीतल अग्रवाल, दिल्ली रोड

Posted By: Inextlive