-नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने नहीं दी उर्सला में सर्जरी और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में डीएनबी कोर्स शुरू करने की अनुमति

-डॉक्टर्स होने के बाद भी पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में नहीं चल रहा था एनआईसीयू, सर्जरी डिपार्टमेंट में मेजर सर्जरी कम

KANPUR: उर्सला अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू करने की मुहिम को झटका लगा है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की टीम ने इंस्पेक्शन के बाद उर्सला के सर्जरी और पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में डीएनबी कोर्स की सीटें देने से इंकार कर दिया है। साथ ही दोनों डिपार्टमेंट्स में मिली कमियां दूर करने के लिए भी कहा है। मालूम हो कि अभी उर्सला में तीन साल के पीजी कोर्स डीएनबी यानी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड की दो दो सीटें इमरजेंसी मेडिसिन और इंटर्नल मेडिसिन में ही है। इन्हें बढ़ाने की कोशिशें चल रही थीं,लेकिन एनबीई ने इन कोशिशों को झटका दे ि1दया है।

दोनों डिपार्टमेंट्स में मिली कमियां

एनबीई की टीम ने बीते दिनों उर्सला हॉस्पिटल का इंस्पेक्शन किया था। उर्सला हॉस्पिटल की ओर से पीडियाट्रिक और सर्जरी डिपार्टमेंट में डीएनबी की दो दो सीटें मांगी गई थी। इंस्पेक्शन के दौरान टीम को कई कमियां मिली थी। पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के लिए यहां कोई एनआईसीयू नहीं था। जबकि सर्जरी डिपार्टमेंट के ओटी में कई कमियों के साथ मेजर सर्जरी कम होने पर आपत्ति जताई गई थी।

बेहतर होती फंक्शनिंग

दरअसल उर्सला को डीएनबी की सीटें मिलने से उसमें एडमिशन लेने वाले मेडिकोज को बतौर रेजीडेंट्स काम करना पड़ता। ऐसे में उर्सला में डॉक्टर्स की संख्या में भी इजाफा होता। मालूम हो कि इंटर्नल मेडिसिन कोर्स में डीएनबी की सीटें मिलने के बाद मेडिसिन आईसीयू की फंक्शनिंग बेहतर हुई है। दो नए वेंटीलेटर मिलने से क्रिटिकल पेशेंट्स का ट्रीटमेंट और केयर दोनों बेहतर हुए हैं।

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क्या होता है डीएनबी कोर्स

एमबीबीएस के बाद ब्रॉड स्पेशिएलिटीज में एडमिशन के लिए एमएस एमडी की ही तरह यह भी तीन साल का पीजी कोर्स होता है। जिसे नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन चलाता है। एनबीई यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के तहत की आटोनामस संस्था है। कानुपर में उर्सला के अलावा चुनिंदा प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी अलग अलग स्पेशिएलिटीज में डीएनबी कोर्स की सीटें हैं। उर्सला कानपुर में पहला गवर्नमेंट मेडिकल इंस्टीटयूशन है जहां इस कोर्स को शुरू किया गया है।

वर्जन-

हमने पीडियाट्रिक और सर्जरी में डीएनबी की दो-दो सीटों के लिए आवेदन किया था, लेकिन इंस्पेक्शन के बाद बोर्ड ने अनुमति नहीं दी है। कमियां दूर कर दोबारा सीटों के लिए आवेदन किया जाएगा।

- डॉ.शैलेंद्र तिवारी, एक्टिंग डायरेक्टर,उर्सला हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive