Petrol-Diesel prices hike news: काफी दिनों से पेट्रोल डीजल की कीमतों में राहत का आनंद ले रहे इंडियंन कंज्‍यूमर्स के लिए अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने बुरी खबर दी है। इसके मुताबिक कच्चे तेल के रेट बढ़ने से तेल कंपनियों को काफी नुकसान हो सकता है और अपने घाटे की भरपाई के लिए कंपनियां ईंधन की कीमतों में जोरदार तेजी ला सकती हैं जिसके कारण खाने पीने की तमाम चीजें महंगी हो सकती हैं।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Petrol-Diesel prices hike news: अमेरिका की प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में जो कुछ बताया है उसे जानकर इंडियन कंज्‍यूमर्स को टेंशन हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक गर्मियों में कच्चे तेल की मांग में काफी उछाल देखने को मिल सकता है, इससे बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का रेट भी बढ़ेगा और इससे अनुमान लगाया जा सकता है, कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि कच्चे तेल की मांग में तेजी मुख्य तौर पर जेट फ्यूल की डिमांड में रिकवरी की वजह से आएगी।

क्रूड ऑयल 86 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता
गोल्डमैन सैक्स ने कहा है क्रूड ऑयल जिसका करेंट रेट लगभग 80 डॉलर प्रति बैरल है वो कि चीन से डिमांड कम होने के बाद भी यह 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है, लेकिन गलोबल लेवल पर भूराजनीतिक तनाव अधिक बढ़ता है तो यह 90 डॉलर के पार भी हो सकता है। तेल के भाव बढ़ने से तेल कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है ऐसे में तेल कंपनिया अपने नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल डीजल का रेट बढ़ाकर अपना बोझ कम कर पाएंगी। ऐसा हुआ तो ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी और फल सब्जियों की कीमतों में भी उछाल आ सकता है।

ऑयल प्राइसेस में लंबे समय से नहीं हुआ बदलाव
तेल कंपनियों की कीमतों को देखा जाए तो 2 साल से ज्यादा समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा इजाफा नहीं किया गया है। आम जनता को लोकसभा चुनाव से पहले थोड़ी राहत मिली थी, जब पेट्रोल और डीजल के रेट में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कमी हो गई थी और इसके पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 21 मई 2022 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया था ।

भारत में कैसे तय होता है पेट्रोल-डीजल का रेट
अगर देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को तय करने की प्रक्रिया को देखा जाए तो पहले केंद्र सरकार इनकी कीमतों को तय करती थी और हर 15 दिन में रिवाइज्ड करती थी, लेकिन साल 2010 में सरकार ने पेट्रोल प्राइस तय करने का जिम्मा तेल कंपनियों को सौंप दिया था और साल 2014 से ठीक इसी तरह से तेल कंपनियां डीजल का रेट भी निर्धारित कर रही हैं। अब आंयल कंपनियां रोज पेट्रोल डीजल की रेट्स तय करती है। इसमें अंतराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल का रेट, एक्सचेंज रेट, टैक्स और ट्रांसपोरेशन खर्च आदि के हिसाब से कीमतों में तेल का भाव बदल सकता है।

Posted By: Inextlive Desk