-सिटी में 129 में से सिर्फ 30 ने खोला पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर

- नहीं हो रहा पंप संचालको का रिनुअल

- हालात गम्भीर, पम्प संचालको के लाइसेंस पर आफत

वाहनों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है और उससे प्रदूषण लेवल भी बढ़ता जा रहा है। इस बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग ने सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल, पीयूसी) बनाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया गया है। कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग ने भी सूबे के सभी पेट्रोल पंपों को प्रदूषण जांच केंद्र खोलने निर्देश दिया था। और कहा था कि ऐसा नहीं होने पर पंप का लाइसेंस रद्द किया जायेगा। लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी राजधानी के कई पेट्रोल पंप संचालकों ने इसमें कम दिलचस्पी दिखायी है। राजधानी में पेट्रोल पंप की कुल संख्या के आधे से भी कम पंप में प्रदूषण जांच केन्द्र लगाया गया है। बढ़ते प्रदूषण का एक प्रमुख कारण वाहनों से निकलने वाला धुंआ है। हालांकि प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य सरकार कई स्तर पर काम कर रही है। लेकिन फिर भी प्रदूषण पर कंट्रोल करने में कोई सफलता दिखाई नहीं दे रही।

यह है सच्चाई

गौरतलब है कि वर्तमान में राजधानी में 5 कंपनियों के कुल 129 पेट्रोल पंप हैं। विभाग के अदेशानुसार सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का सख्त निर्देश दिया गया है जबकि अभी तक केवल 30 पेट्रोल पंप में ही जांच केन्द्र स्थापित किया गया है। इन 129 पेट्रोल पंपों में अलग-अलग पांच कंपनियों के पेट्रोल पंप हैं, जिसमें इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, एस्सार और रिलायंस हैं। लेकिन इनके पंपों में पीयूसी नहीं होने से शहर में प्राइवेट प्रदूषण जांच केंद्र गली-गली में खुल रहे हैं।

क्यों जरूर है प्रदूषण जांच केंद्र

प्राइवेट केंद्र वाहन संचालकों से सरकारी रेट से ज्यादा राशि वसूलते हैं। वहीं जांच केन्द्र की संख्या कम रहने के कारण वाहन चालकों को प्रदूषण प्रमाणपत्र प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रमाणपत्र नहीं होने की वजह से वाहन चालकों से यातायात पुलिस जमकर जुर्माना भी वसूल करती है.पेट्रोल पंपों पर जांच केन्द्र खुल जाने से सरकारी दर ही इसका प्रमाण पत्र लोगों को उपलब्ध हो जाएगा, वहीं प्राइवेट केंद्रों की मनमानी को भी रोका जा सकेगा। लेकिन कई माह गुजर जाने के बाद भी इसे लेकर कोई पहल नहीं की जा सकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

वाहनों के कारण शहरों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त 2017 को पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना का निर्देश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद परिवहन सचिव ने सभी जिले के परिवहन पदाधिकारी को सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का निर्देश दिया था। बावजूद शहर के अधिकाश पंपों पर इसका अनुपालन नहीं हुआ है।

80 ने दिया आवेदन, 30 में खुला

हर पेट्रोल पंप पर केंद्र खोलने का सख्त निर्देश दिया गया है। जिला परिवहन कार्यालय ने सभी पेट्रोल पंपों को लाइसेंस लेने के लिए पत्र भी लिखा है। अबतक कुल 129 में से 80 पंप संचालकों ने जांच केंद्र खोलने का आवेदन दिया है और इनमें करीब 30 पंपों पर यह केंद्र खोला जा चुका है। शेष पंप संचालकों का रिनुअल रोक दिया जा रहा है। जांच केन्द्र खोलने के बाद ही परमिट इश्यू किया जाएगा।

वर्जन

विभागीय स्तर पर इसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जा रही है। जहां पीयूसी नहीं खोला जाएगा, उनका लाइसेंस रिन्यूअल नहीं किया जाएगा। इससे तेल कंपनियां संबंधित पंपों को तेल आपूर्ति नहीं कर पाएंगी।

संजीव कुमार

डीटीओ, रांची

Posted By: Inextlive