इन द‍िनों इंदौर की सेंट्रल जेल काफी चर्चा में है। खबरों के मुताब‍िक यहां पर पेट्रोल पंप खुलने जा रहा है। ऐसे में अब यहां के कैदी जेल में तेल बेचेंगे और एक नया काम सीखेंगे। जेल में पेट्रोल पंप खुलना कोई अनोखी बात नही हैं। देश में कई ऐसी जेले हैं जहां पर कैदियों के पुनर्वास करने और सुधार करने के लिए टैलेंट क्‍लासेज खेल स्‍टेड‍ियम और लाइब्रेरी तक हैं। उन्‍हें आत्‍मन‍िर्भर बनाने के ल‍िए और भी कई इंतजाम हैं...


तिहाड़ जेल देश की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल काफी अच्छी मानी जाती है। यहां कैदियों को काम के अलावा वॉलीबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, खो-खो, कबड्डी, शतरंज, कैरम जैसे खेल खिलाए जाते हैं। यहां पर खेल फेस्टिवल भी होते हैं। ऐसे में बहुत से कैदी यहां से निकलकर खेल की दुनिया से जीविका चलाते हैं। नैनी जेलइलाहाबाद की नैनी जेल भी कैदियों को बेहतर तरीके से आत्मनिर्भर बनाने वाली जेलों में से एक है। ब्रिटिश राज के दौरान की इस जेल में सबसे ज़्यादा ऑर्गेनिक खेती होती है। खास बात तो यह है कि यहां पर कैदियों को खेती की आधुनिक विधाओं से भी रूबरू कराया जाता है, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।  येरवाड़ा जेल
पुणे की येरवाड़ा जेल में कैदियों को खेती करने के गुर सिखाए जाते हैं। इसके अलावा येरवडा जेल में एक रेडियो स्टेशन भी बना है। जहां पर म्यूजिक सुनकर कैदी काफी खुश होते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। ऐसे में साफ है कि यहां कैदियों को काम के अलावा पढ़ाई करने के लिए भी समय मिलता है।

Posted By: Shweta Mishra