दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि कोविड वैक्सीन निर्माता फाइजर और मॉडर्ना ने सीधे दिल्ली को टीके बेचने से इनकार कर दिया। उन्होंने केंद्र से टीकों का आयात करने और उन्हें राज्यों को वितरित करने को कहा है। बता दें इसके पहले रविवार को फाइजर और मॉडर्ना सीधे पंजाब सरकार को भी टीके देने से मना कर दिया था।


नई दिल्ली (एएनआई)। कोविड वैक्सीन निर्माता मॉडर्ना द्वारा कथित तौर पर पंजाब सरकार को सीधे टीके भेजने से इनकार करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को बताया कि फाइजर और मॉडर्ना ने सीधे दिल्ली सरकार को भी टीके देने से मना कर दिया है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मायापुरी इलाके में ऑक्सीजन सिलेंडर डिपो का दौरा करने के बाद कहा कि हमने टीकों के लिए फाइजर और मॉडर्ना से बात की है और दोनों कंपनियों ने सीधे हमें टीके बेचने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे केवल भारत सरकार को ही टीके देंगे। सीएम ने कहा कि ऐसे में मैं केंद्र से टीकों का आयात करने और उन्हें राज्यों को वितरित करने की अपील करता हूं। हमने बहुत समय गंवाया है। अब हमें युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस टीकों की जरूरत है ।
सीधे पंजाब सरकार को टीके भेजने से इनकार


टीकाकरण के लिए पंजाब नोडल अधिकारी विकास गर्ग ने रविवार को, कोविड वैक्सीन निर्माता मॉडर्ना ने यह कहते हुए सीधे पंजाब सरकार को टीके भेजने से इनकार कर दिया था कि उनकी नीति के अनुसार, वे केवल भारत सरकार को देने का अधिकार रखते हैं। वे किसी राज्य सरकार या निजी पार्टियों को नहीं दे सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए केजरीवाल ने आगे कहा कि देश भर में सोलह कंपनियां हैं जो कोवैक्सीन का निर्माण कर सकती हैं और बायोटेक ने ऐसी दो कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्र को सभी 16 कंपनियों के साथ बैठक करनी चाहिए और उन्हें कोवैक्सीन बनाने का आदेश देना चाहिए। टीकाकरण ही कोरोना को रोकने का एकमात्र तरीका यूके और यूएसए उदाहरण हैं कि टीकाकरण ही कोविड-19 को रोकने का एकमात्र तरीका है। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि दिल्ली सरकार के पास ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाएं और इंजेक्शन नहीं हैं। हमने विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के लिए सेंटर बनाए हैं। हमें प्रति मरीज प्रति दिन कम से कम चार इंजेक्शन चाहिए। केंद्र हमें ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन उपलब्ध करा रहा है लेकिन अभी भी इसकी कमी है। हमें प्रति दिन 2000 शीशियों की आवश्यकता होती है लेकिन हमें अभी 400-500 शीशियां मिलती हैं। वहीं हमने चीन से 6000 ऑक्सीजन सिलेंडर आयात किए हैं।

Posted By: Shweta Mishra