- माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री में पीएचडी की पढ़ाई जल्द होगी शुरू

- हर कोर्स के लिए तीन लाख रुपए फी के रूप में करना होगा जमा

PATNA : आईजीआईएमएस में एकेडमिक स्टैंडर्ड बेहतर करने और सुपरस्पेशियलिटी डाक्टर्स तैयार करने के लिए यहां माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री में पीएचडी की पढ़ाई जल्द शुरू होगी। इस बारे में डीन डा। अमरेंद्र कुमार ने बताया कि यहां सात कोर्सेज में सुपरस्पेसियलिटी कोर्स शुरू किया जाएगा। इसके लिए एमसीआई को लिखा गया है।

लगेगी एमआरआई मशीन

हर कोर्स के लिए एमसीआई से रिकग्नाइज होने में तीन लाख रुपए फी के रूप में जमा करना होगा। हाल ही में यहां टीचर्स की कमी काफी हद तक पूरा किया गया है। कोर्स को रिकग्नशन मिलने में एक साल का समय प्राय: लग जाता है। रेडियोलॉजी में अभी तक सुपरस्पेशियलिटी कोर्स नहीं है। डीन ने बताया कि इसके लिए एक एमआरआई मशीन की आवश्यकता है। अब बजट आ गया है तो काम पूरा होगा। उन्होंने कहा कि पहले तो यहां एक व्यवस्था तैयार करना जरूरी है नहीं तो अनावश्यक रूप से फी देने का कोई मतलब नहीं है।

इन कोर्साें में मिलेगी डिग्री

आईजीआईएमएस के सुपरीटेंडेंट डॉ एसके शाही ने बताया कि सात कोर्सेज में चार में डीएम की डिग्री मिलेगी। इसमें कार्डियोलाजी, न्यूरोलॉजी और नेफ्रोलाजी। जबकि न्यूरो सर्जरी में एमसीएच, न्यूरोयूरोलाजी में डीएम, जेनरल मेडिसीन में एमडी जबकि न्यूरोसर्जरी में एमसीएच की डिगी होगी। इसके अलावा आठ एमडी कोर्स होगा।

बाक्स आइटम

सुपर स्पेसियलिटी कोर्सेज

-काडियोलाजी

-नेफ्रोलॉजी

-न्यूरोलॉजी

-न्यूरो सर्जरी

-जेनरल सर्जरी

-जेनरल मेडिसीन व अन्य

अब चार कोर्सेज में एमडी

जानकारी हो कि यहां अभी एमबीबीएस, एमडी, एमएस व पैरामेडिकल कोर्सेज पहले से ही चल रहे हैं। यहां तीन कोर्सेज में एमडी है जिसमें माइक्रोबायलॉजी, बॉयोकैमेस्ट्री और एनीस्थिसिया शामिल है। अब जेनरल मेडिसीन में भी एमडी कोर्स के लिए एमसीआई को एप्लीकेशन भेजा गया है। इसके अलावा पहले से यूरोलाजी और गैस्ट्रोएंटोलाजी में एमसीएच कोर्स चल रहा है। हालांकि अभी न्यू कोर्स शुरू होने में एक साल का टाइम लगेगा।

Posted By: Inextlive