- सिर्फ यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जाने वाले सबजेक्ट्स में ही कराई जाएगी पीएचडी - यूजीसी के नियमों को सख्ती से लागू करने की कवायद - 807 स्कॉलर रजिस्टर्ड हैं यूटीयू में पीएचडी के लिए

 

DEHRADUN: उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अब पीएचडी में हो रहा गड़बड़झाला बंद होगा। यूनिवर्सिटी सिर्फ उन्हीं सबजेक्ट्स में पीएचडी कराएगी जो वहां पढ़ाए जाते हैं, पीएचडी के लिए बाकायदा एप्लीकेंट्स को एंट्रेस क्लियर करना होगा बल्कि सिक्स मंथ प्री-पीएचडी कोर्स भी करना होगा।

 

यूटीयू में वर्तमान में 807 पीएचडी स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं। अब तक आरोप लगते रहे हैं कि यूटीयू में नहीं पढ़ाए जाने वाले सबजेक्ट्स में भी यहां से स्टू़डेंट पीएचडी कर लेते थे। गाइड भी दूसरी यूनिवर्सिटीज के होते थे और स्टूडेंट यहां अपनी सहूलियत के अनुसार पीएचडी कर लेते थे। बताया जाता है कि प्री-पीएचडी कोर्स में भी यहां खानापूर्ति की जाती थी और गुपचुप तरीके से सिनोप्सिस फाइनल हो जाते थे। लेकिन अब यूटीयू में इस तरह का गड़बड़झाला नहीं होगा। यूटीयू के वीसी डॉ। यूएस रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि नए साल में यूटीयू से पीएचडी करने वालों को यूजीसी के हर मानकों का पूरी तरह से पालन करना होगा।

 

 

पीएचडी को लेकर यूटीयू में अब यूजीसी के मानकों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। एग्जाम के बाद सिक्स मंथ प्री-पीएचडी कोर्स करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सभी नियमों में ट्रांसपेरेंसी लाई जाएगी।

डॉ। यूएस रावत, वीसी, यूटीयू

 

ये कोर्सेज हैं यूटीयू में

बीए

बीबीए

बीसीए

बी फार्मा

बीएससी

बीटेक

एलएलबी

एमटेक

एमबीए

एमसीए

एमएससी इन्वॉयरमेंट साइंस

एमफार्मा

 

 

क्या होता है गड़बड़झाला-

-एडमिशन यूटीयू में गाइड बाहर का

-प्री-पीएचडी कोर्स में खानापूर्ति

-रजिस्टर्ड गाइड न होना

-जो सब्जेक्ट यूटीयू में नहीं, उनमें भी पीएचडी

- सिनोप्सिस, वाइवा, प्रेजेंटेशन ओपन न होना

 

अब क्या होगी सख्ती-

- एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना जरूरी

- 6 मंथ का प्री-पीएचडी कोर्स अनिवार्य

- सिर्फ इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट सबजेक्ट्स में पीएचडी

- सिनोप्सिस का ओपन प्रेजेंटेशन

- ट्रांसपेरेंट तरीके से वायवा

Posted By: Inextlive