- शास्त्री मार्केट में होता है दवा का मेन कारोबार, छापेमारी से मचा हड़कम्प

-पिछले दिनों छापेमारी के दौरान कई मेडिकल स्टोर पर परचेजिंग मिली लेकिन सेल का रिकार्ड नहीं

BAREILLY : शहर में नशीली दवाओं के कारोबार पर ड्रग्स डिपार्टमेंट की घेरेबंदी महज फेंसीडिल कफ सीरप तक ही सीमित है। जबकि शास्त्री मार्केट और शहर के गली-कूचों में फेंसीडिल जैसे दूसरे कंपनी के तमाम कफ सीरप बड़ी मात्रा में बिक रहे हैं, जिसे नशे के आदती लोग खरीद रहे हैं। इन कफ सीरप के भी खरीद-फरोख्त के रिकॉर्ड का मिलान यदि ड्रग्स डिपार्टमेंट करा दे तो खौफनाक सच सामने आ जाएगा। क्योंकि डॉक्टर की बगैर प्रिस्क्रिप्शन के दवा किसे और कहां बेची है इसका रिकार्ड अधिकांश मेडिकल संचालक के पास नहीं हैं।

 

मेंटेन करना होता है रिकॉर्ड

जबकि नारकोटिक्स ड्रग का एक्ट है कि जब भी यह दवाएं किसी से खरीदी या बेची जाएंगी तो उसका रिकॉर्ड मेंटेन करना होगा। मेडिकल संचालक ने ये नशीली दवाएं डॉक्टर की सलाह पर दवा बेचने बाले का भी रिकॉर्ड रखता है। ड्रग डिपार्टमेंट की जांच के दौरान मेडिकल संचालक बेची गई दवा का पूरा रिकॉर्ड दिखाना पड़ता है। बेची गई दवा का रिकॅार्ड नहीं होने पर विभाग कार्रवाई करता है।

 

मंडे को भी हुई थी छापेमारी

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की छापेमारी के बाद ड्रग डिपार्टमेंट ने फेंसीडिल सीरप के खिलाफ छापेमारी की। छापेमारी के दौरान शास्त्री मार्केट गली नवाबबान के छह मेडिकल शॉप पर परचेजिंग का बिल तो दिखा दिया, लेकिन बेची गई दवाओं का बिल नहीं मिला। इस दौरान टीम ने 5 दवाओं के सेंपल भी कलेक्ट किए। बेची गई दवाओं का बिल नहीं दिखा पाने वाले वालों को नोटिस जारी किया है।

 

दिल्ली क्राइम ब्रांच की राडार पर 12 धंधेबाज

ज्ञात हो फेंसीडिल सीरप की 300 पेटियां लेकर पिछले माह बरेली आ रहे ट्रक को गाजियाबाद बॉर्डर पर जीएसटी अफसरों ने रोक लिया। ट्रक में भरे माल का का खुलासा हुआ तो बिल नहीं था। जिसकी पेनाल्टी ट्रांसपोर्टर ने अदा कर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की। लेकिन कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने मामला क्राइम ब्रांच दिल्ली को सुपुर्द कर दिया। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नशे के धंधे बाजों को तलाश किया तो बरेली के 12 मेडिकल शॉप ओनर राडार पर आ गए। अब इन्हें दिल्ली में क्राइम ब्रांच को जवाब देना होगा। दो जुलाई से तीन-तीन शॉप ओनर्स को दिल्ली बुलाया गया है।


दूसरे प्रदेशों तक फैला कारोबार

सूत्रों की माने तो यह काला कारोबार बरेली में ही नहीं है। बरेली के व्यापारियों ने ही आसपास की डिस्ट्रिक्ट में इसकी सप्लाई शुरू कर दी है। इतना ही नहीं नेपाल और उत्तराखंड को भी नशे का कारोबार बरेली से ही चमकाया जा रहा है।

 

कम्पोजीशन की मात्रा सभी में बराबर

जितने भी कफ सीरप आते हैं। इनमें नशे की मात्रा बराबर ही होती है। हालांकि, कुछ सीरप में मात्रा अधिक होने की गलतफहमी लोगों को होती है। कफ सीरप में मुख्य रूप से दो साल्ट क्लोरफिनइरामिन 4 एमजी और कोडिन 10 एमजी मिला होता है।

 

यह दवाएं भी हैं नशीली

-फेंसीडिल-एबॉट

-कोडिन -जाइडस

-कोडीस्टार-मैन काइंड

-कोरेक्स- फाइजर

-डायलेक्स डीसी-डॉ। रेड्डीज लेबोरटरीज

-एसकोरिल सी- ग्लेनमार्क

Posted By: Inextlive