फ़्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के फोटोग्राफर को अफगानिस्तान की एक लड़की की तस्वीर के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला है.

ये तस्वीर काबुल की है, जब एक आत्मघाती धमाके के बाद ये अफगान लड़की चीख रही थी। एएफपी के मसूद हुसैनी को ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी श्रेणी में ये पुरस्कार मिला है।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के भीड़ भरे अबुल फजल दरगाह पर ये आत्मघाती हमला छह दिसंबर को हुआ था, जिसके बाद तराना अकबरी चीख-चिल्ला रही थी।

पुलित्जर पुरस्कार समिति ने इस तस्वीर को 'दिल तोड़ने वाली' बताया है। दूसरी ओर फोटोग्राफर मसूद हुसैनी ने इस पर खुशी जताई है कि वे अफगान लोगों की आवाज बन पाए हैं।

पीड़ा11 वर्षीय तराना ने कहा, "जब मैं उठ पाई, तो मैंने अपने आसपास के लोगों को वहाँ जमीन पर पड़े देखा। हर तरफ खून था। मैं बहुत डर गई थी."

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक तराना अब भी उस दिन के हादसे को नहीं भूल पाई हैं। अब वे अपना हरा ड्रेस नहीं पहनती, जो उस दिन के धमाके के बाद खून से लाल हो गया था। वर्ष 2011 में हुए इस धमाके में 70 लोग मारे गए थे। और ये वर्ष 2011 में काबुल में हुआ सबसे बड़ा बम हमला था।

मसूद हुसैनी ईरान में पले-बढ़े हैं। लेकिन बाद में वे अफगानिस्तान युद्ध को कवर करने वहाँ पहुँचे। उन्होंने बताया कि ये तस्वीर पीड़ादायक यादों को लेकर आती है।

उन्होंने कहा, "मैं अब उस तस्वीर को नहीं देखता। क्योंकि इसे देखते ही मेरे दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं और उस दिन की भावना याद आने लगती है। मैं जानता हूँ कि जो भी उस तस्वीर को देखेगा, वो फोटोग्राफर के बारे में सोचेगा। लेकिन मुझे उम्मीद है कि वे अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा को नहीं भूलेंगे." वर्ष 1917 में स्थापित पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता और कला के क्षेत्र में प्रतिभा को सम्मानित करता है।

Posted By: Inextlive