- सात राज्यों के 37 चित्रकारों ने लिया भाग

- महापुरुषों और समाजसेवियों के बनाए चित्र

बरेली : कला चित्रकार के मनोभावों में जन्म लेती है। इसके साथ ही रंगों की अपनी भावभंगिमा व भाषा होती है, जिससे मधुर संयोजन से मन की अचेतन भावनाओं को साकार रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। कुछ इसी तरह रूहेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय चित्रकला शिविर में चित्रकारों ने कैनवस पर महापुरुषों के चित्रों को उकेरा।

शिविर का आज समापन

तीन दिवसीय शिविर के दूसरे दिन बुधवार को राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ। राजेंद्र सिंह पुंडीर, कुलपति प्रो। अनिल शुक्ल, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ। हरीश रौतेला, सह प्रांत प्रचारक कर्मवीर सिंह, विभाग प्रचारक आनंद कुमार महानगर प्रचारक विक्रांत सिंह ने किया। शिविर में में सात राज्यों के 37 चित्रकारों ने भाग लिया। इसमें कुरुक्षेत्र, पटना, वाराणसी, भोपाल, अमेटी, कानपुर, अल्मोड़ा, बुलंदशहर, अलीगढ़, गाजियाबाद, बरेली स्थित विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थाओं से आए चित्रकारों ने महापुरुषों, समाजसेवियों के चित्र बनाए। क्षेत्रीय समंवयक डॉ। रामबाबू सिह आयोजन सचिव डॉ। प्रवीन कुमार तिवारी, कार्यक्रम संयोजक डॉ। मंजू सिंह, डॉ। विमल कुमार, डॉ। रश्मि रंजन, डॉ। मीनाक्षी द्विवेदी ने सहयोग किया।

टिकट में रियायत की मांग

पटना से आए चित्रकार डॉ। चंद्रभूषण श्रीवास्तव ने रेलवे टिकट के मूल्य में कलाकारों को रियासत दिलाने और गैर शैक्षणिक संस्थानों वाले कलाकारों को राज्य ललित कला अकादमी से पहचान पत्र दिलाने की मांग की। अकादमी अध्यक्ष डॉ। राजेंद्र सिंह पुंडीर ने कहा कि इसके लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा।

Posted By: Inextlive