आगरा। नगर निगम का दावा है कि शहर के सभी पिंक टॉयलेट के ताले खोल दिए गए हैं। एक समस्या से पार पाते ही महिलाओं के सामने दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई है। वह अब भी इन टॉयलेट का यूज नहीं कर पा रहीं हैं। ऐसा स्वच्छता दीदी के टॉयलेट पर तैनात नहीं होने के चलते हो रहा है। इस वजह से जहां टॉयलेट गंदे पड़े रहते हैं, तो महिलाओं की जगह पुरुष इनका इस्तेमाल करते दिखते हैं।

शहर में पिंक टॉयलेट

30

लागत

45 लाख

लॉक खोलने और बंद करने आती है ऑपरेटर

शहर में महिलाओं के लिए बनाए गए हर एक पिंक टॉयलेट पर महिला ऑपरेटर की तैनाती होनी है। नगर निगम का दावा है कि सभी टॉयलेट पर स्वच्छता दीदी (महिला ऑपरेटर) की ड्यूटी लगा दी गई है। गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की। सेंट जॉन्स चौराहे पर बने पिंक टॉयलेट पर स्थानीय लोगों ने बताया कि एक महिला सुबह आती है। इसका ताला खोलकर चली जाती है। फिर रात नौ बजे आती है लॉक लगाने के लिए।

पानी की नहीं व्यवस्था

स्वच्छता दीदी के मौजूद न रहने से महिलाएं टॉयलेट में जाने से संकोच करती हैं। क्योंकि टॉयलेट के आसपास किसी कर्मचारी की तैनाती न होने से पुरुष इसका यूज करते हैं। वहीं कुछ टॉयलेट ऐसे हैं, जहां पानी की व्यवस्था नहीं है। टॉयलेट इतने गंदे रहते हैं कि उसमें घुसने तक की महिलाएं हिम्मत नहीं जुटा पातीं।

महिलाओं के लिए यहां अब भी नहीं टॉयलेट

सदर बाजार

राजामंडी

जौहरी बाजार

सेब का बाजार

कश्मीरी बाजार

फव्वारा

दरेसी

लुहारगली

कसरेट बाजार

शाहगंज

सिंधी बाजार

फोटो वर्जन

पिंक टॉयलेट पर महिला ऑपरेटरों को तैनात किया गया है। उनको दोपहर डेढ़ बजे का लंच का समय निर्धारित किया गया है। समय-समय पर निरीक्षण भी करवाया जाता है। जहां भी कोई गड़बड़ी मिलेगी। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

केबी सिंह अपर नगर आयुक्त

स्वच्छता दीदी की जिम्मेदारी

1. टॉयलेट पर मौजूद रहना है।

2. रखरखाव और सफाई सुनिश्चित करना

3. सिर्फ महिलाओं को टॉयलेट यूज करने देना

2. स्वच्छता का संदेश देना

Posted By: Inextlive