RANCHI : सहजानंद चौक के पास सोमवार को अपराधियों की गोलियों का शिकार बने सीसीएल स्टाफ अशोक पासवान को पिपरवार थाना ने इस साल एक अगस्त को नोटिस भेजकर आगाह किया था। नोटिस सुरक्षा को लेकर था। इसमें कहा गया था कि वे अकेले व खुले में न घूम लें। सतर्क रहें। जान को खतरा है। अरगोड़ा पुलिस ने अशोक पासवान की जेब के पॉकेट से उस नोटिस को बरामद किया है।

थाने में भाई पर केस दर्ज

अशोक पासवान हत्या मामले में रांची पुलिस ने जब पिपरवार थानेदार अंजनी कुमार से संपर्क किया तो पता चला कि अशोक के बड़े भाई जयप्रकाश पासवान के खिलाफ आ‌र्म्स एक्ट और पोटा के कांड संख्या 11/2002 के तहत केस दर्ज है। जयप्रकाश ने एक गांव में एमसीसीआई की जन अदालत लगाई थी। इस बाबत पुलिस ने छापेमारी कर जयप्रकाश को गिरफ्तार किया था। दूसरी तरफ, पंचायत चुनाव में जयप्रकाश और अशोक पासवान ने ज्योति को मुखिया पद के लिए खड़ा किया था। ज्योति को एमसीसीआई का सपोर्ट था। इसे लेकर ही टीपीसी और एमसीसीआई में टशन चल रहा था। इसे लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद भी हुआ था।

जयप्रकाश पर फायरिंग

पुलिस छानबीन के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि वर्ष 2013 में अपराधियों ने जयप्रकाश पर गोली चलाई थी। पिपरवार में हुई इस फायरिंग में जयप्रकाश को गोली तो लगी थी, पर जान बच गई थी। इस घटना के बाद जयप्रकाश अपनी पत्नी कलावंती देवी और बेटा आयुष के साथ कार्तिक उरांव चौक के पास एक किराए के मकान में रह रहा है।

घर पर आया था अशोक

जयप्रकाश पासवान ने पुलिस को बताया कि तीन दिनों के बाद सोमवार को अशोक पासवान उनके घर आया था। यहां चाय-नाश्ता करने के बाद वह बाइक लेकर सहजानंद चौक की ओर गया था। इस बीच वहां अपराधियों ने उसे गोली मार दी। इस घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए।

थाने में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

अशोक पासवान की हत्या के बाद मंगलवार को अरगोड़ा थाने में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एहतियात के तौैर पर थाने में रैपिड एक्शन फोर्स और आ‌र्म्ड पुलिस के जवान को तैनात करने के साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी बुला ली गई थी। पुलिस को आशंका थी कि शव के साथ लोग थाने में हंगामा कर सकते हैं। हालांकि, ऐसी कोई घटना नहीं हुई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को एस्कॉर्ट कर खलारी थाने की सीमा तक ले गई।

Posted By: Inextlive