पितृ पक्ष 2020 की शुरुआत 2 सितंबर से हो रही और यह 17 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान सभी लोग अपने पूर्वजों को भोजन अर्पण कर उन्हें श्रद्घांजलि देते हैं।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। हिंदू पंचाग के अनुसार अनंत चर्तुदशी के अगले दिन से पितृ पक्ष 2020 की शुरुआत हो जाएगी। यह 15 दिनों तक चलता है। इस बार पितृों को अपर्ण करने की शुरुआत 2 सितंबर से होगी और यह 17 सितंबर तक चलेगा।पितृ पक्ष का अन्तिम दिन सर्वपित्रू अमावस्या या महालय अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पितृ पक्ष में महालय अमावस्या सबसे मुख्य दिन होता है।

किन मुहूर्त में किए जाते हैं श्राद्घ
द्रिक पंचाग के अनुसार, पितृ पक्ष श्राद्घ पार्वण श्राद्घ होते हैं। इन श्राद्घों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गए हैं। अपराह्नय काल समाप्त होने तक श्राद्घ संबंधी अनुष्ठान कर लेने चाहिए। श्राद्घ के अंत में तर्पण किया जाता है। इस बार 2 सितंबर को शुुर हो रहे पितृ पक्ष में कुतुप मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक है। वहीं रौहिण मूहूर्त दोपहर 12:46 बजे से दोपहर 1:37 बजे तक है। वहीं अपराह्नय काल मूहूर्त दोपहर 1:37 बजे से शाम 4:09 बजे तक है।

1 सितंबर - पूर्णिमा श्राद्घ
2 सितंबर - प्रतिपदा श्राद्घ
3 सितंबर - द्वितिया श्राद्घ
5 सितंबर - तृतीया श्राद्घ
6 सितंबर - चतुर्थी श्राद्घ
7 सितंबर - पश्चिमी श्राद्घ

8 सितंबर - षष्ठी श्राद्घ
9 सितंबर - सप्तमी श्राद्घ
10 सितंबर - अष्टमी श्राद्घ
11 सितंबर - नवमी श्राद्घ
12 सितंबर - दशमी श्राद्घ

13 सितंबर - एकादशी श्राद्घ
14 सितंबर - द्वादशी श्राद्घ
15 सितंबर - मघा श्राद्घ
16 सितंबर - चतुर्दशी श्राद्घ
17 सितंबर - सर्वपित्रू श्राद्घ

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari