RANCHI : झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन। झारखंड की रिजनल पॉलिटिक्स में इन दलों की ताकत से हर कोई वाकिफ है। हालांकि, इस लोकसभा चुनाव में झामुमो को छोड़ तमाम रिजनल पार्टीज को तगड़ा झटका लगा है। झामुमो जहां दो सीट जीतने में कामयाब रही, वहीं जेवीएम और आजसू का न सिर्फ खाता खुला, बल्कि दोनों ही दलों के पार्टी सुप्रीमो भी चुनाव हार गए। इस हार ये दल निराश जरूर हैं, पर आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर इन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। पांच महीने बाद झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में यहां के रिजनल पार्टीज नए तेवर और उत्साह के साथ मैदान में उतरने की स्ट्रेटजी बना रहे हैं। इन्हें उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में वे बेहतर प्रदशर्1न करेंगे।

जेवीएम सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव

झारखंड की राजनीति में बाबूलाल मरांडी की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है। केन्द्र में बीजेपी की सरकार में मंत्री रहने के साथ वे झारखंड के पहले मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उन्होंने बीजेपी को छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा नाम से पार्टी बनाई। बीजेपी में नाराज चल रहे कई कई नेता बाबूलाल के साथ हो लिए और जेवीएम की सदस्यता ग्रहण की। बाबूलाल मरांडी और उनकी टीम के प्रयासों का ही नतीजा है कि झारखंड में पार्टी का जनाधार काफी बढ़ा है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़नेवाली जेवीएम का शानदार प्रदर्शन रहा। पार्टी के क्क् कैंडिडेट्स जीतकर विधानसभा में पहुंचे। इतना ही नहीं, क्भ्वीं लोकसभा में भी जेवीएम के दो सांसद थे। बाबूलाल मरांडी जहां कोडरमा से जीते थे, वहीं डॉ अजय कुमार ने जमशेदपुर से लोकसभा का बाई इलेक्शन जीता था, हालांकि क्म्वीं लोकसभा के चुनाव में जेवीएम को करारी हार मिली है। पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी समेत पार्टी के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए। इस हार से वे निराश जरूर हैं, लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी पार्टी ने स्ट्रेटजी बनानी शुरू कर दी है।

सबसे योग्य हैं बाबूलाल

विधानसभा में पार्टी विधायक दल के नेता प्रदीप यादव का कहना है कि झारखंड में बाबूलाल मरांडी ही एक ऐसे नेता हैं, जो मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे योग्य और अनुभवी है। बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में ही पार्टी अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा बिना किसी पार्टी से तालमेल किए जेवीएम सभी 8क् सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के सवाल पर प्रदीप यादव कहते है कि मोदी के नाम पर वोटर्स ने बीजेपी कैंडिडेट्स को वोट दिया। यही वजह है कि कई सीटों पर बीजेपी के कमजोर उम्मीदवार होने के बाद भी वे चुनाव जीत गए। वैसे, विधानसभा चुनाव के मुद्दे लोकसभा चुनाव से अलग होते हैं। ऐसे में अगले विधानसभा चुनाव में जेवीएम पिछले बार की तुलना में और बेहतर प्रर्दशन करेगी।

स्क्रीनिंग के बाद टिकट

जेवीएम विधानसभा चुनाव में ऐसे लोगों को उम्मीदवार बनाएगी, जिसकी छवि अच्छी होने के साथ अपने क्षेत्र में जनाधार हो। पार्टी अगले चुनाव में सोच-समझकर उम्मीदवार देगी। इसके लिए पार्टी में कमिटी बनाई जाएगी, जो कैंडिडेट्स के प्रोफाइल की स्क्रिनिंग करेगी। इतना ही नहीं टिकट देने के पहले कार्यकर्ताओं की भी राय ली जाएगी, वैसे पार्टी का अभी ध्यान संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने पर है।

हर विधानसभा क्षेत्र में रैली

विधानसभा चुनाव में अभी पांच महीने बचे हुए हैं। ऐसे में जेवीएम सभी 8क् विधानसभा क्षेत्रों में रैली आयोजित करने की प्लानिंग कर रही है। रैली के जरिए जनता से सीधा संपर्क साधने की कोशिश होगी। रैली में पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी समेत कई बड़े नेता शिरकत करेंगे।

दो सीट पर मिली जीत से जेएमएम में उत्साह

इस लोकसभा चुनाव में जहां तमाम रिजनल पार्टीज को झारखंड में तगड़ा झटका लगा है, वहीं जेएमएम ने दो सीटें जीतकर अपनी ताकत का अहसास करा दिया है। कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली जेएमएम ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए थे, जिसमें पार्टी को दो पर जीत और दो पर हार मिली है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन दुमका और विजय हांसदा राजमहल सीट से विजयी हुए हैं। इस जीत से पार्टी में उत्साह है और अब वह विधानसभा चुनाव के लिए भी कमर कसने जा रही है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन जल्द ही राज्यभर में रैली और जनसभाएं करेंगे, ताकि पार्टी का जनाधार और बढ़ाया जा सके। पार्टी के स्पोक्स पर्सन सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं है। ऐसे में पार्टी की जल्द ही मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें चुनाव की स्ट्रेटजी तैयार होगी। वैसे शिबू सोरेन के सांसद चुने जाने से पार्टी वर्कर्स में काफी उत्साह है।

चुनाव प्रबंधन पर रहेगा ध्यान

इस लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के नए तरीकों ने जनता को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार को लेकर विशेष रणनीति बनाएगी। न्यू और हाइटेक टेक्निक का इस्तेमाल प्रचार के लिए किया जाएगा। इसके अलावा चुनाव प्रबंधन पर भी पार्टी का विशेष ध्यान रहेगा, ताकि वोटर्स को अपने फेवर में किया जा सके। चुनाव प्रचार के दौरान हेमंत सरकार की उपलब्धियों से भी जनता को अवगत कराया जाएगा। राज्य के कल्याण के लिए जेएमएम ने जो कुर्बानी दी है, वोटर्स को यह भी बताया जाएगा। जनता से जुड़ने के लिए जेएमएम तमाम जरूरी कदम उठाएगी।

स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर आजसू लड़ेगी चुनाव

झारखंड की रिजनल पॉलिटिक्स में आजसू की ताकत तेजी से बढ़ी है। वर्तमान विधानसभा में पार्टी के छह एमएलए हैं, हालांकि, लोकसभा चुनाव में पार्टी का निराशाजनक प्रर्दशन रहा है। पार्टी सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो खुद रांची सीट ने न सिर्फ चुनाव हार गए, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई। वैसे आजसू ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और क्फ् सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए थे। पार्टी के स्पोक्स पर्सन प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने के पीछे पार्टी का मकसद पूरे झारखंड में संगठन को मजबूत करना था। इसमें हम कामयाब भी रहे हैं। कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को अच्छे वोट मिले। पार्टी को लोकसभा चुनाव में जो वोट मिले हैं, उसका एनालिसिस कर विधानसभा चुनाव के लिए स्ट्रेटजी तैयार की जाएगी। वैसे, झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा मिले, इस मुद्दे को लेकर आजसू विधानसभा का चुनाव लड़ेगी।

गुड गवर्नेंस पर जोर

गुड गवर्नेस के मुद्दे को भी आजसू विधानसभा चुनाव में उतरेगी। लोकसभा चुनाव जहां नेशनल इश्यूज पर लड़े गए, वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी रिजनल इश्यूज को उठाएगी। प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि झारखंड आज कई समस्याओं से जूझ रहा है। अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन यहां की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। जल, जंगल और जमीन का भी मामला है। इन सभी मुद्दों पर यहां के लोगों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। इन्हीं मुद्दों पर पार्टी जनता के बीच जाएगी और उनसे समथर्1न मांगेगी।

यूथ और महिला को प्राथमिकता

आजसू ज्यादा से ज्यादा युवाओं और महिलाओं को अपने साथ जोड़ने के मकसद के काम करेगी। विधानसभा चुनाव में इनकी भागीदार बढ़ाने के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। वैसे भी, आजसू के एजेंडे में महिलाओं की भागीदारी शुरू से शामिल रहा है। आधी आबादी को पूरा हक और अधिकार मिले, इसकी लड़ाई आजसू लड़ती आ रही है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने युवा के साथ महिला उम्मीदवार दिए। अब विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को टिकट देने पर पार्टी विचार कर रही है।

Posted By: Inextlive