योजनाएं अधूरी पर कोर्ट केस मजबूरी
सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक एमडीए के 347 कोर्ट केस पेडिंग
एमडीए हर साल कोर्ट केसेज की पैरवी में करीब 55 लाख रुपये खर्च Meerut। सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक मेरठ विकास प्राधिकरण के 347 कोर्ट केसेज पेडिंग हैं। ज्यादातर केसेज विभिन्न आवासीय योजनाओं से संबंधित हैं तो वहीं प्राधिकरण मोटी रकम इन केसेज की पैरवी में खर्च कर रहा है। करीब 55 लाख रुपये एमडीए के खजाने से महज कोर्ट केसेज की पैरवी में सालाना खर्च हो रहे हैं। सर्वाधिक केस हाईकोर्ट में हैं। यह है स्थिति विचाराधीन केसेज 7-सुप्रीम कोर्ट में 329-हाईकोर्ट में 3-लोक सेवा अभिकरण एवं अन्य 8-अवमानना 347-कुल केसेज प्रगति की स्थिति 3-सुप्रीम कोर्ट में दाखिल शपथपत्र 264-हाईकोर्ट में दाखिल शपथपत्र 3-लोक सेवा अभिकरण में दाखिल शपथपत्र 8-अवमानना के केसेज में दाखिल शपथपत्र278-कुल दाखिल शपथपत्र
आदेशों की स्थिति
43-अंतरिम आदेश 8-अंतिम आदेश पारित 6-अंतिम आदेश अनुपालित कुछ और 27-सभी न्यायालयों में दाखिल अपील 8-सभी न्यायालयों में दाखिल रिव्यू (आंकड़े-4 दिसंबर 2017) --- इतने रूपये हो गए खर्च 55.60 लाख-1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 30.42 लाख-1 अप्रैल 2017 से 30 नवंबर 2017 तकअलग बना है विभाग
कोर्ट केसेज की पैरवी के लिए एमडीए में एक अलग डिपार्टमेट है। विधि प्रभारी, तहसीलदार मनोज कुमार सिंह के अलावा करीब आधा दर्जन कर्मचारी विभिन्न कोर्ट में केसेज की प्रोसीडिंग को देखते हैं। कई केसेज में अधिकारी स्वयं उपस्थित हो रहे हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के 347 केसेज विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन हैं। हालांकि लगातार सतर्कता के चलते पेंडेंसी कम हो रही है, आने वाले समय में केसेज कम होने से खर्च भी घटेगा। राजकुमार, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण