-ग्लोबल वार्मिग से लगातार बिगड़ रहा मौसम चक्र

-अधिक से अधिक पौधा रोपण ही करेगा जीवन का रक्षण

Meerut: एक ओर जहां ग्लोबल वार्मिग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं धरती से वृक्षों की संख्या कम होती जा रही है। वैज्ञानिक भी ग्लोबल वार्मिग को लेकर लगातार चेताते आ रहे हैं, लेकिन भौतिक जीवन की भागदौड़ में आदमी इतना लापरवाह हो गया है कि उसको अपने जीवन का ब्लैक होल भी नहीं दिखाई पड़ रहा। वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिग के खतरे को अधिकाधिक पौधा रोपण से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आज जरूरत इस बात की है कि हम एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करते हुए न केवल खुद अधिकाधिक वृक्ष लगाएं, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी पौधारोपण को लेकर जागरूक करें।

पेड़ काटने पर सजा

वन विभाग ने वृक्षों को बचाने के लिए कई नियम बनाए हैं। कानून के अंतर्गत जनपद में कोई भी पेड़ बिना वन विभाग की एनओसी के नहीं काटा जा सकता है। चाहे वह किसी की व्यक्तिगत जमीन ही क्यों न हो। सरकारी नियम तो यह तक कहता है कि यदि कोई व्यक्ति वन विभाग की सहमति से कोई पेड़ काटता भी है तो उसको एक की जगह दो पेड़ लगाने होंगे अन्यथा इन पेड़ों का शुल्क वन विभाग में जमा कराना होगा। बिना अनुमति के या फिर अवैध रूप से पेड़ काटने वाले के खिलाफ जुर्माना यहां तक कि जेल तक का प्रावधान है।

क्या है ग्लोबल वार्मिग

लगातार काटे जा रहे पेड़ों के कारण वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा लगातार कम होती जा रही है। इसके विपरीत वातावरण में घुल रहे जहर से धरती आग का गोला बनता जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी से वातावरण में हुए भारी फेरबदल से ओजोन परत में होल हो गया है, जिससे सूरज की पराबैंगनी किरणें सीधे पृथ्वी तक पहुंच रही हैं और गर्मी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि ग्लोबल वार्मिग को लेकर परिणाम दिखाई भी देने लगे हैं। यदि समय रहते नहीं चेता गया तो वो समय दूर नहीं जब पृथ्वी एक आग का गोला बनकर रह जाएगी और यहां जीवन की संभावनाएं दूर-दूर तक खत्म हो जाएंगी।

अधिकाधिक पौधा रोपण

ग्लोबल वार्मिग से बचने का केवल एक मात्र उपाय यह है कि बिना समय गंवाए अधिक से अधिक संख्या में पौधारोपण किया जाए। हालांकि निकट भविष्य में कम और इसके दूरगामी परिणाम अधिक साबित होंगे। असल में वृक्ष अपने पत्ते और छाल पर हवा में मौजूद प्रदूषक गैसों नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेते हैं। यहां तक कि पराबैंगनी किरणों को भी ये अवशोषित कर धरती पर पड़ने से रोकते हैं। आज जरूरत इस बात की है कि निकट भविष्य के खतरे को भांपते हुए हम आगे आएं वृक्ष लगाएं और दूसरों को भी पौधा रोपण के लिए जागरुक करें।

संकल्प लेकर बढ़ें आगे

कहते हैं अच्छे काम की शुरुआत पहले खुद से होती है। इसलिए सबसे अच्छा यह होगा कि पहले हम पौधा रोपण को लेकर संकल्प लें और फिर तय करें कि हमें एक साल में कितने पौधे लगाने हैं। यही नहीं इसके साथ अपने परिजनों को भी संकल्प दिलवाएं और पौधा रोपण में सहयोग करें। पौधा रोपण को लेकर इस तरह से आप अपने मोहल्ले, गांव व कालोनी में एक मिसाल बन सकते हैं और औरों के लिए प्रेरणा श्रोत भी।

पौधा लगाएं नहीं, गोद लें

अक्सर देखा गया है कि विभिन्न तरह के अभियान आदि या फिर किसी के कहने में आकर हम पौधारोपण तो कर दे देते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद हमें याद भी नहीं रहता कि हमने कभी कोई पौधा भी लगाया था। पौधारोपण का मतलब केवल पौधा लगाने भर से ही पूरा नहीं हो जाता। पौधारोपण का मतलब है कि आप बच्चे की ही तरह पौधे को पूरे मन व संकल्प के साथ गोद लें। जिस तरह से हम अपने बच्चे के खाने पीने और तमाम छोटी-छोटी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। उसी तरह पौधे को सींचने से लेकर उसको बड़ा करने तक की जिम्मेदारी भी हमें उठानी होगी तब जाकर असल रूप में पौधारोपण का उददेश्य पूरा होगा।

45 लाख का नुकसान

विशेषज्ञों की मानें तो एक पेड़ को काटने से सीधा 45 लाख रुपए का नुकसान है। दरअसल, एक पेड़ अपने पचास साल की जीवन में 45 लाख रुपए का लाभ पहुंचाता है। इमारतों के लिए लकड़ी से लेकर फल, फूल, ऑक्सीजन तक हर कदम पर हमें पेड़ों का फायदा मिलता है। पेड़ ही हैं जो वातारण में संतुलन बनाए रखने का काम करते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मनुष्य के जीवन के सबसे जरूरी ऑक्सीजन भी हमें पेड़ों के कारण ही मिलती है।

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ग्लोबल वार्मिग के प्रभाव को देखते हुए हम सबको पौधा रोपण कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए। एक व्यक्ति को हर माह कम से कम एक पौधा लगाना चाहिए साथ ही उसकी देखभाल की भी पूरी जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

-पंकज यादव, डीएम

वातारण में संतुलन बनाने का काम केवल वृक्ष ही करते हैं। इसलिए हमें भी अधिकाधिक पौधे लगाकर अपने हिस्से का काम करना चाहिए। एक पौधा पूरी उम्र समाज की सेवा करता है।

-नीरज पंडित, ग्रीन केयर सोसाइटी

हमने अपने घरों में भी पौधे लगाएं हैं। पौधा रोपण सामाजिक काम है। समाज सेवा के लिए हमें तैयार रहना चाहिए।

-मंजीत सिंह, छात्र

किताबों में पौधा रोपण के बारे में काफी पढ़ा है। आई नेक्स्ट के साथ आज पौधा रोपण कर किताबी ज्ञान को इस्तेमाल किया गया है।

-आकाश ठाकुर, छात्र

वृक्ष हमारे पर्यावरण के रक्षक हैं। पर्यावरण से ही हमारा जीवन है। अपने जीवन को बचाने के लिए पौधा रोपण जरूरी है।

-आमिर सुहेल, छात्र

वृक्ष किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करता। सबको फल देता और सबको छाया। इस लिए हमें भी अधिक से अधिक मात्रा में वृक्ष लगाने चाहिए।

-मोहम्मद आसिफ, छात्र

वृक्षों से आक्सीजन मिलती है और आक्सीजन हमारे जीवन में सबसे अधिक महत्व रखती है। इस लिए हमें वृक्षों को अपने जीवन से जोड़ कर देखना चाहिए।

-आकाश, छात्र

Posted By: Inextlive