इंडस्ट्री के साथ लगाने होंगे पौधे
एनजीटी की गाइडलाइन के बाद बढ़ी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ही सुनिश्चित कराना होगा आदेश Meerut। मेरठ समेत यूपी के सभी शहरों में अब इंडस्ट्री लगाने के साथ-साथ प्लांटेशन भी करना होगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के इस आदेश के बाद यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड गाइडलाइन तैयार कर रहा है। क्या है योजना? उद्योगों से बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी ने पिछले दिनों एक आदेश जारी करते हुए कहा कि-हर औद्योगिक ईकाई में एक रेशियो के साथ कल-कारखानों और मशीनरी के अलावा पौधों का रोपण करना होगा। इतना ही नहीं एनजीटी ने सभी उद्योगों की स्थापना के साथ-साथ पौधरोपण की विस्तृत कार्ययोजना और उसपर अनुपालन के निर्देश उद्योगों को दिए हैं। औद्योगिक गु्रप पौधरोपण परिसर के अलावा अन्य निर्देशित स्थलों पर भी कर सकेंगे। यूपीपीसीबी करेगा निगरानीएनजीटी के निर्देश पर यूपी में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जिम्मा सौंपा गया है कि वह किसी भी उद्योग की स्थापना से पूर्व सुनिश्चित कर लें कि निर्देशों के अनुपालन में पौधरोपण हुआ है अथवा नहीं?
पाल्यूशन इन मेरठ पीएम 10-129 पीएम 2.5-69 पीएम 10 पाल्यूशन लेवल-वेरी हाई एयर पॉल्यूशन-74.11 हाई ड्रिकिंग वाटर पॉल्यूशन-65.22 हाई डीसैन्टीफैक्शन विद गारबेज डिस्पोजल-85.71 वेरी हाईडर्टी एंड अनटिडी-73.86 हाई
न्वाइस एंड लाइट पॉल्यूशन-62.50 हाई वाटर पॉल्यूशन-85 हाई ये है मेरठ की तस्वीर जिला उद्योग केंद्र में करीब 8000 इकाइयां पंजीकृत हैं। 2500 इकाइयां कैंची उद्योग में शामिल। 1800 इकाइयां खेलकूद उपकरण बनाती हैं। 460 इकाइयां फैब्रिकेशन कारोबार में सक्रिय। 260 इकाइयां बनाती हैं म्यूजिकल उपकरण। इस संबंध में शासन के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। उद्योगों को एनओसी देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पौधरोपण हुआ है, अथवा नहीं। पौधे के रखरखाव का जिम्मा भी उद्योग का होगा। आरके त्यागी, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी