प्‍लास्टिक आधार कार्ड या स्‍मार्ट आधार कार्ड बनाने के नाम पर कुछ ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों से 100 रुपये से लेकर 200 रुपये वसूल कर रही हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई ने आधार कार्ड रखने वालों को प्लास्टिक कार्ड पर आईडी की छपाई के लिए व्यापारियों द्वारा 200 रुपये लिए जाने के खिलाफ आगाह किया है। यूआईडीएआई ने कहा है कि आधिकारिक उपयोग के लिए आधार का प्रिंटआउट का उपयोग पूरी तरह वैध है।


कंपनियां प्लास्टिक आधार कार्ड के नाम पर वसूल रहे है रुपयेआधार कार्ड का प्रबंधन करने वाले प्राधिकरण ने ईबे फ्लिपकार्ट तथा आमेजन जैसी अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को आगाह किया है। प्राधिकरण ने कहा है कि वे उनके प्लेटफॉर्म के प्लास्टिक आधार कार्ड के नाम पर फर्जी रुपये वसूल करने वाले व्यापारियों को बढ़ावा नहीं दे। प्राधिकरण ने कहा कि अगर कोई इसमें शामिल होता है तो यह आपराधिक कार्रवाई के अंतर्गत आएगा। उसे जेल की सजा भी हो सकती है। यूआईडीएआई के महानिदेशक तथा मिशन निदेशक अजय भूषण पांडे ने एक बयान में कहा आधार कार्ड या साधारण कागज पर प्रिंटेड डाउनलोड किया गया आधार कार्ड सभी कार्यों के लिए पूरी तरह वैध है। आधार है पूरी तरह से वैध कंपनियां फर्जी में वूसल रहीं है रूपये
यूआईडीएआई ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास पेपर आधार कार्ड है तो उसे अपने आधार कार्ड को लैमिनेशन कराने या पैसा देकर प्लास्टिक आधार कार्ड या तथाकथित स्मार्ट आधार कार्ड प्राप्त करने की कोई जरूरत नहीं है। ज्ञात हो कि प्लास्टिक आधार कार्ड या स्मार्ट कार्ड के नाम पर कई ऑलाइन बेबसाइट 100 से लेकर 200 रुपये प्रति आधार कार्ड वसूल रहीं है। यूआईडीएआई के अनुसार यह पाया गया है कि अनैतिक कार्य में लगी कुछ इकाइयां स्मार्ट कार्ड के नाम पर प्लास्टिक कार्ड पर आधार की छपाई के लिए 50 से 200 रुपये ले रहे हैं जबकि उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि साधारण कागज पर डाउनलोड किया गया आधार पूरी तरह वैध है।

Posted By: Prabha Punj Mishra