RANCHI: रिम्स में मरीजों को हाइजेनिक फूड उपलब्ध कराने का जिम्मा एजेंसी को सौंपा गया था। ताकि मरीजों को इलाज के साथ अच्छा खाना भी मिल सके। लेकिन यहां एजेंसी तो हाइजीन के चक्कर में मरीजों की हेल्थ के साथ खिलवाड़ कर रही है। बैन होने के बावजूद प्लास्टिक से ही मरीजों का खाना पैक किया जा रहा है। ऐसे में वे कई तरह की बीमारी साथ लेकर जाएंगे। इतना ही नहीं, एजेंसी बिना टेंडर के ही मरीजों को खाना खिला रही है। इसके बावजूद न तो इसकी चिंता डाइटीशियन को है और न ही प्रबंधन का ध्यान इस ओर है।

ढक्कन से बचने को प्लास्टिक

हॉस्पिटल में हर दिन 1500 से अधिक मरीजों का खाना बनाया जाता है, जहां हर तरह के मरीज एडमिट होते हैं। उन्हें हाइजेनिक और पैक्ड खाना देने की व्यवस्था की गई थी। जिसके तहत प्लेट में पैक्ड खाना उनके बेड पर ही दिया जाना था। पैक्ड खाना देने के लिए प्लेट और उसके ढक्कन भी मंगाए गए थे। लेकिन मेहनत से बचने के लिए एजेंसी के स्टाफ्स ने प्लास्टिक से पैकिंग शुरू कर दी। खाना गर्म होने के कारण प्लास्टिक का केमिकल भी खाने में जा रहा है।

प्लास्टिक के यूज से होता है कैंसर

प्लास्टिक में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी फैलाने वाले केमिकल पाए जाते हैं। इसके बावजूद एजेंसी बार-बार प्लास्टिक का ही इस्तेमाल कर रही है। वहीं मरीजों को दी जाने वाली रोटियां भी उसी में पैक कर दी जाती हैं, जिससे यह तो साफ है कि लंबे समय तक रिम्स में इलाज कराने वालों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा अधिक होगा।

बिना टेंडर काम कर रही एजेंसी

मरीजों को खाना खिलाने वाली एजेंसी प्राइम किचन सर्विस का टेंडर चार महीने पहले ही खत्म हो चुका है। इसके बाद भी एजेंसी चार महीने से मरीजों को खाना खिला रही है। वहीं प्रबंधन भी यह फाइनल नहीं कर सका है कि किचन का काम किस एजेंसी को मिलेगा। इस चक्कर में एजेंसी को एक्सटेंशन लेटर भी जारी नहीं किया गया है। इस बीच अगर मरीजों के साथ कोई अनहोनी हो जाए तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होगा। इससे पहले कुछ टेक्निकल समस्या बताकर किचन का टेंडर फाइनल नहीं किया जा सका था। अब सारी समस्याएं दूर हो चुकी हैं, फिर एजेंसी फाइनल करने में देर क्यों की जा रही है?

वर्जन

प्लास्टिक को लेकर पहले भी एजेंसी से कहा गया था। अब ये लोग चेंज क्यों नहीं कर रहे, मुझे कोई जानकारी नहीं है। प्रबंधन चाहेगा तभी कुछ हो सकता है।

-कुमारी मीनाक्षी, डायटीशियन, रिम्स

Posted By: Inextlive