उत्तर प्रदेश में अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। फरवरी में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए प्रदान की गई पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया।


नई दिल्ली (एएनआई)। उत्तर प्रदेश में मस्जिद के निर्माण हेतु गठित अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के लिए एक सरकारी उम्मीदवार की नियुक्ति के लिए एक दिशा निर्देश मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष के एक वकील करुणेश शुक्ला ने अपने वकील विष्णु जैन के माध्यम से दायर की थी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यूपी सरकार द्वारा अयोध्या में आवंटित भूमि पर एक मस्जिद और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए एक 15 सदस्यीय ट्रस्ट 'इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' बनाया है।कोर्ट ने वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था
अयोध्या-बाबरी मस्जिद भूमि मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को केंद्र सरकार को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए स्थल सौंपने का निर्देश दिया था और उसी के लिए एक ट्रस्ट बनाया था। शीर्ष अदालत ने सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था। बोर्ड द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बाबरी मस्जिद मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और आदेश के अनुपालन में, उत्तर प्रदेश सरकार ने गांव धनीपुर, अयोध्या में 5 एकड़ भूमि आवंटित की थी और बोर्ड ने स्वीकार कर लिया था। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया फरवरी 2020 में बोर्ड ने मस्जिद और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नाम से एक ट्रस्ट बनाया है, जो आम जनता के लाभ के लिए है। ट्रस्ट में अधिकतम 15 ट्रस्टी होंगे, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड इसके संस्थापक ट्रस्टी होंगे, जबकि जफर अहमद फारुकी मुख्य ट्रस्टी / अध्यक्ष होंगे। फरवरी में, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए प्रदान की गई पांच एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया। इसके अलावा, ट्रस्ट एक धर्मार्थ अस्पताल, सार्वजनिक पुस्तकालय और भारत-इस्लामी सभ्यता की विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक केंद्र भी बनाएगा।

Posted By: Shweta Mishra