-पटना रेलवे स्टेशन पर साढ़े सात लाख रुपये के नकली नोटों के पकड़े जाने के बाद अलर्ट हुआ खुफिया विभाग, बनारस में भी बिछाया गया खुफिया जाल

-त्योहारों के मद्देनजर नकली नोटों की बड़ी खेप शहर में खपाये जाने की आशंका के बाद जागा पुलिस महकमा

VARANASI: इस त्यौहार के मौके पर अगर आप मार्केट में शॉपिंग को निकल रहे हैं और आपको क्00, भ्00 या क्000 का कोई नोट कहीं से मिल रहा है तो जरा अलर्ट रहे क्योंकि हो सकता है कि आपके वॉलेट में जाने वाला ये नोट नकली हो। हम आपको डरा नहीं रहे हैं बल्कि अलर्ट कर रहे हैं उस स्थिति से जो इन दिनों अपने शहर में फैली हुई है। दरअसल गुरुवार को पटना रेलवे स्टेशन से बनारस एटीएस ने जितेन्द्र सिंह नाम के एक युवक को साढ़े सात लाख रुपये के नकली नोटों के साथ अरेस्ट किया है। जितेन्द्र से हुई पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह पिछले कई दिनों से मालदा से नकली नोटों की खेप लेकर बनारस समेत पूर्वाचल के अलग-अलग जिलों में पहुंचा चुका है। जिसके बाद नकली नोटों का फ्लो मार्केट में हो चुका है। इसलिए इस त्योहार रुपये के लेन-देन से पहले आप सावधान रहें ताकि बाद में पछताना न पड़े।

सूत्रों की मानें तो जितेन्द्र ने पूछताछ में बताया है कि बनारस में उसने नकली नोटों को खपाने के लिए कई एजेंट रखे हुए हैं। इनको ये नोटों की खेप लाकर देता था और ये एजेंट इसे मार्केट में अपने तरीके से खपाते थे। इस इंफॉर्मेशन के बाद इस नेक्सस को तोड़ने के लिए एटीएस, लोकल पुलिस के साथ आईबी ने जाल बिछा दिया है। इसी तरह बनारस समेत कई और भी जगहों पर एजेंट इसके लिए काम करते रहे हैं। इनके बारे में जानकारी मिली है। सिटी की घनी आबादी वाले इलाके मदनपुरा, दशाश्वमेध, चौक, बजरडीहा, लल्लापुरा, रेवड़ी तालाब, सरैया समेत सारनाथ एरिया में नकली नोटों के सौदागरों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया जा रहा है।

आ चुकी है दो खेप

इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो पटना स्टेशन पर पकड़े गए नकली नोटों के सौदागर जितेन्द्र ने पूछताछ में बताया है त्योहारों के मद्देनजर वह इस बार बड़ी खेप लेकर निकला था। ये रुपये पूर्वाचल के अलावा, एमपी और राजस्थान भेजे जाने थे लेकिन इससे पहले ही पकड़ लिए गए। हालांकि इससे पहले भी जितेन्द्र दो बार रुपयों की डिलिवरी पूर्वाचल में दे चुका है और ये रुपये मार्केट में फ्लो भी हैं। इसलिए ये तो कंफर्म है कि इस दीवाली अगर आपकी निगाह चूकी तो हो सकता है कि आपके वॉलेट में कोई नकली नोट भी पहुंच जाये।

आपकी सावधानी बचा सकती है आपको

- नकली नोटों को पकड़ना है बहुत आसान

- इसके लिए आपको हर नोट लेने से पहले होना होगा अलर्ट

- मार्केट में क्00, भ्00 और क्000 के नकली नोटों का हैं फ्लो

- इन नोटों को चेक करने के लिए रोशनी का लेना पड़ता है सहारा

- रोशनी की ओर नोट को देखने में क्00, भ्00 और क्000 रुपये लिखी ग्रीन प्लेस दिखती है ब्लू

- इन नोटों को रोशनी में देखने पर नोट की नंबर सिरीज के ऊपर खाली स्पेस में गांधी जी की दिखती है तस्वीर

- खाली स्पेस के बगल में बने फूल को रोशनी में देखने पर क्00, भ्00 और क्000 लिखा हुआ दिखेगा

- नोट के बीच में लगी सिल्वर पट्टी पर लिखा होता है आरबीआई

-क्000 के नोट पर गांधी जी के बगल वाली स्पेस में लिखा दिखता है क्000

- नकली नोट के कागज और असल नोट के कागज में भी है अंतर

- असली नोट के कागज में होता है चिकनापन, जबकि नकली नोट का कागज होता है रफ

फैला रहा था अपना जाल

- पकड़े गए जितेन्द्र से पूछताछ में पता चला है कि वह अपने गैंग में ऐसे युवकों को शामिल कर रहा था जो बेरोजगार हैं

- बेरोजगार रुपयों की लालच में नकली नोटों की खेप आसानी से इस ओर से उस ओर पहुंचा रहे हैं

- इनको ऑपरेट करने का काम सिटी में अलग-अलग मौजूद एजेंट करते हैं

- फेक करेंसी के इस पूरे धंधे की जानकारी इंटेलिजेंस के पास काफी पहले से थी

- जिसके कारण एटीएस पहले भी कई बार नकली नोट के कारोबारियों को पकड़ चुकी है

- दो साल पहले लखनऊ से भी एटीएस ने नकली नोटों के सौदागरों को पकड़ा है

- इससे पहले भी फेक करेंसी की खेप कई बार पकड़ी गई हैं लेकिन इसके बाद भी इंटेलिजेंस इस नेक्सस को ब्रेक करने में कामयाब नहीं हो सकी है

- इस समय भी यह कैरियर एक सबसे बड़ी चुनौती हैं

रूट तो बदला लेकिन

बीते कुछ सालों पहले पकड़े गए फेक करेंसी के सौदागरों से मिली जानकारी के मुताबिक नकली नोटों की खेप इंडिया में भेजे जाने का मेन काम पाकिस्तान से होता है। पाकिस्तान नेपाल के रास्ते नकली नोटों की खेप गोरखपुर होते हुए यूपी भेजता था और फिर यहां से नकली नोट अन्य राज्यों में भेजे जाते थे। इस वजह से नकली नोटों का बड़ा डपिंग ग्राउंड बनारस बन हुआ था लेकिन बीते कुछ साल पहले नकली नोटों के सौदागरों ने नेपाल का रास्ता छोड़ बंग्लादेश को नकली नोटों का सेंटर बना दिया। पटना से पकड़े गए जितेन्द्र ने बताया है कि बंग्लादेश के रास्ते बंगाल में नकली नोटों की खेप आती थी और फिर मालदा से इन रुपयों को लेकर अलग-अलग जगहों पर पहुंचाया जाता था। हालांकि यूपी और बिहार में नकली नोटों को पहुंचाने के लिए बनारस का यूज अभी भी हो रहा है और यहां नकली नोटों को डंप करने के बाद एजेंट के माध्यम से उसे अलग-अलग शहरों में पहुंचाते हैं।

नकली नोटों के सौदागरों को पकड़ने और उनको रोकने के लिए पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट है। पटना में नकली नोट के सौदागर के पकड़े जाने के बाद बनारस में भी सतर्कता बरती जा रही है और शहर में आने-जाने वाले रास्तों पर विशेष नजर रखी गई है।

जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी

Posted By: Inextlive