क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : पलामू जिले के सतबरवा में प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के सशस्त्र उग्रवादियों ने शनिवार की मध्य रात प्रखंड क्षेत्र के बोहिता गांव में एक पत्थर खदान में कार्यरत पोकलेन मशीन को जला दिया. घटनास्थल जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर लेस्लीगंज थाना व सतबरवा प्रखंड में स्थित है. क्षतिग्रस्त मशीन की कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है.

एक दर्जन थे उग्रवादी

जानकारी के अनुसार शनिवार की रात करीब 12:30 बजे एक दर्जन वर्दीधारी उग्रवादी पत्थर खदान पर आ धमके. इस क्रम में सबसे पहले रात्रि प्रहरी दिलदार सिंह व रामचंद्र सिंह को अपने कब्जे लेते हुए मोबाइल फोन की मांग की. इन्कार करने पर गार्डो की पिटाई करते हुए मोबाइल व पर्स छीन लिया. गार्ड दिलदार सिंह ने बताया कि पहले लगभग एक दर्जन की संख्या में हथियारबंद लोग वहां आ धमके. कहा कि तुम्हारा मालिक हमसे बात नहीं कर रहा है. इस बीच छह की संख्या में वर्दीधारी बिस्तर लेकर पोकलेन के पास पहुंचे और आग लगा दी. देखते ही देखते पूरी मशीन जल कर खाक हो गई. घटना को अंजाम देने के बाद उग्रवादी वहां पर्चा छोड़ भाग खड़े हुए. इसमें सतबरवा, लेस्लीगंज क्षेत्र के पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर मुकेश ने घटना की जिम्मेवारी ली. सुबह करीब चार बजे थाना को इसकी सूचना दी गई. लेस्लीगंज के थाना प्रभारी निरंजन उरांव मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया. पलामू के पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने घटना की पुष्टि की है.

सक्रिय हैं कई संगठन

सतबरवा प्रखंड क्षेत्र से लगे लेस्लीगंज व मनिका क्षेत्र में कई संगठन सक्रिय हो गए हैं. इनके द्वारा विकास योजनाओं के साथ पत्थर व अन्य खनिज के माईस व क्रशर संचालकों से लेवी वसूलना फैशन बन गया है. भुक्तभोगियों द्वारा समय पर पुलिस को इसकी सूचना नहीं देने के कारण अपराधियों का हौसला लगातार बढ़ा है. इससे पहले गत 2 दिसंबर को जेपीसी के महेन्द्र के दस्ते ने सतबरवा-डबरा मुख्य पथ में फगु सिंह घाट के समीप मलय नदी पर पुल निर्माण कार्य को पोस्टर साटकर बंद करा दिया था. वहीं इसी दस्ता ने जिम्मेवारी लेते हुये चार सितंबर 2014 बोहिता मांइस पर भी पोस्टरबाजी की थी. हस्तलिखित पर्चा के माध्यम से क्रेशर, संवेदक व फैक्ट्री मालिकों पर फौजी कार्रवाई करने धमकी लिखी हुई है. इससे स्थानीय लोगों में दहशत है. बता दें कि एक सप्ताह पूर्व पीएलएफआई ने छतरपुर के एक पत्थर खदान पर तांडव मचाया था. इस घटना में लाखों की मशीन जला दी गई थी.

Posted By: Prabhat Gopal Jha