-प्लॉट और बचे हुए भवन बेचने के लिए बीडीए ने 28 फरवरी तक मांगे आवेदन

-पहले चरण में 115 आवासीय और 23 व्यवसायिक प्लॉटों की शुरू की बुकिंग

फैक्ट्स

2004 में बीडीए ने शुरू की थी योजना

12 सेक्टर में बनाए 1200 आवास

800 मकान ही अब तक बेच सका बीडीए

400 आवासों की नहीं हुई बुकिंग

6 परिवार ही अब तक रहने के लिए पहुंचे

115 आवासीय प्लॉट की शुरू हुई बुकिंग

23 व्यवसायिक भूखंड के लिए भी मांगे आवेदन

28 फरवरी तक प्लॉट की कराई जा सकती है बुकिंग

BAREILLY :

मकान बेचने में नाकाम रहे बीडीए अफसरों ने अब प्लॉट बेचने की योजना बनाई है। इसके लिए बुकिंग भी ओपन कर दी है। प्लॉट बुकिंग के लिए बीडीए ऑफिस में 28 फरवरी तक संपर्क कर बुकिंग कराई जा सकती है। बीडीए अफसरों का कहना है कि रामगंगा नगर में लंबे समय से खाली पड़े आवासीय और कामर्शियल प्लाटों की बिक्री खोल दी है। चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से कम आमदनी के घाटे की भरपाई करने के लिए बीडीए ने यह कदम उठाया है।

13,500 रु पए स्क्वायर मीटर रेट

प्रथम चरण में 115 आवासीय और 23 व्यवसायिक भूखंडों को बेचने की योजना बनाई गई है। 21 जनवरी से 28 फरवरी तक बीडीए ऑफिस में संपर्क कर प्लाटों की बुकिंग कराई जा सकती है। रामगंगा नगर आवासीय योजना में आवासीय प्लॉट प्लाट 72.5 स्क्वायर मीटर का है, जिसकी कीमत 13,500 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर रखी गई है। कामर्शियल प्लॉट की कीमत 27,000 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर है। रामगंगा नगर में कोई स्कूल खोलना चाहता है तो उसके लिए 560 मीटर का प्लॉट रिजर्व रखा गया है, जिसकी कीमत 13,500 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर है। बीडीए से मानचित्र स्वीकृत कराकर किसी की ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाकर बेचने में दिलचस्पी है तो बीडीए ने 3400 स्क्वायर मीटर जमीन उसके लिए भी रखी है। इस जमीन की कीमत व्यवसायिक रेट से कम 20,250 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर रखी है। बीडीए उपाध्यक्ष डॉ। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि रामगंगा नगर योजना को तीव्र गति से विकसित करने की योजना है। इसलिए हर तरह के भूखंडों की बिक्री शुरू की गई है।

12 सेक्टर में बनी है रामगंगा योजना

डोहरा रोड पर वर्ष 2004 में रामगंगा आवासीय योजना 12 सेक्टरों में शुरू की थी। यह योजना बीडीए की अब तक की सबसे बड़ी योजना है, लेकिन इस योजना के लिए बीडीए सफल नहीं कर सका। बीडीए ने अलग-अलग सेक्टर में 12 सौ आवासीय मकान और फ्लैट भी बनाए, लेकिन अभी तक सिर्फ 800 मकानों की ही बुकिंग हो सकी। इसमें से सिर्फ 6 परिवार ही मकान में रहने के लिए पहुंचे हैं। कई लोगों ने तो मकान की बुकिंग तो करा ली लेकिन अभी तक कब्जा नहीं लिया। इसको लेकर बीडीए बुकिंग कराने वालों को कब्जा लेने के लिए कई बार नोटिस भी जारी कर चुका है।

बुकिंग के बाद कई ने मकान किया सेरेंडर

बीडीए बचे हुए मकानों की बुकिंग के लिए आवेदन जारी करता है, ताकि बचे मकान भी बिक जाए, लेकिन तब कई लोग मकान बुकिंग कराने के बाद सेरेंडर करने पहुंच जाते हैं। मकान सेरेंडर करने वाले लोगों का कहना है कि बीडीए ने मानक के अनुरूप मैटेरियल नहीं लगाया और कॉलोनी में जरूरी सुविधाओं का आभाव है। इसीलिए वह मकान सेरेंडर कर रहे हैं।

इसलिए फेल हुई योजना

-योजना को शहर से काफी दूर बसा दिया

-मकान तो बना दिए, लेकिन सेक्टर बाइज कोई विकास नहीं कराया गया

-कॉलोनी में पेयजल समेत कई जरूरी सुविधाओं का अभाव

-मकानों में मानक के अनुसार नहीं लगाया गया मैटेरियल

-निवासियों को सुरक्षा का बड़ा खतरा, कालोनी की बाउंड्री तक नहीं

-कॉलोनी में पार्क भी डेवलप नहीं किए, पार्क में हो रही खेती

-कॉलोनी के निवासियों को बाहरी खुराफातियों के आतंक का रहता है डर

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रामगंगा कॉलोनी बने हुए पन्द्रह वर्ष बीत चुके हैं। बीडीए अभी तक कॉलोनी डेवलप ही नहीं कर सका और न यहां रहने वालों को कोई सुविधाएं मुहैया पाया। इसीलिए भवन सेरेंडर कर दिया।

योगेश पाण्डेय

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बीडीए ने सेक्टर सात में बचे हुए खाली प्लॉटों की बुकिंग शुरू कर दी है। आवेदन आ रहे हैं, आवेदन आने के बाद आवंटन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पुराने मकान की जो बुकिंग हुई थी उसमें से कुछ लोगों ने मकान सेरेंडर भी किए हैं।

सुरेन्द्र कुमार सिंह, सचिव, बीडीए

Posted By: Inextlive