प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किसानों से नये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की। साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टियों से कृषि सुधारों पर अचानक यू टर्न लेने पर सवाल खड़े किए।


नई दिल्ली (पीटीआई)। प्रधानमंत्री ने विरोध प्रदर्शन के पीछे लगे लोगों को भी अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि देश में विरोध करने वालों की एक नई नस्ल सामने आई है, जो बिना विरोध के जिंदा नहीं रह सकती। देशवासियों को ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में नये एफडीआई (फाॅरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलाॅजी) का देश में उभार हुआ है। देशवासियों को ऐेसी विचारधारा से सतर्क रहकर खुद को बचाना होगा।सिखों का देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान


राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मोदी ने कहा कि भारत को सिखों के योगदान पर गर्व है, उनके लिए जिन कुछ लोगों द्वारा जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह देश का भला नहीं करने वाला है। उनका आरोप था कि कुछ लोग सिखों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक ऐसा समुदाय है जिसने देश के लिए बहुत ज्यादा योगदान दिया है। गुरु साहब के वचन और उपदेश बहुत मूल्यवान हैं।मोदी ने कांग्रेस पर खड़े किए सवाल

कृषि क्षेत्र और चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि एमएसपी था, एमएसपी है और भविष्य में भी एमएसपी रहेगा। गरीबों को किफायती दर पर राशन मिलता रहेा। मंडियों को आधुनिक बनाया जाएगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि वे कृषि क्षेत्र में सुधार चाहते थे। कांग्रेस को गर्व होना चाहिए कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो चाहते थे वह मोदी पूरा कर रहा है।किसानों के हित में 2014 से काम कर रही सरकारमोदी ने कहा कि 2014 से उनकी सरकार लगातार कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने की कोशिशें कर रही है ताकि किसानों को सशक्त किया जा सके। इसके तहत फसल बीमा योजना में बदला करके उसे किसानों के लिए पहले से अधिक हितकारी बनाया गया। पीएम किसान स्कीम भी किसानों के हित में लाई गई है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh