आज 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान अपने पहले मन की बात प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंट्र मोदी ने मेडिकल स्टाफ को फ्रंटलाइन सोल्जर बताते हुए तारीफ की और कहा कि हम सबको उनसे प्रेणना लेनी चाहिए। साथ ही लॉकडाउन के दौरान हो रही परेशानियों के लिए देशवासियों से माफी मांगते हुए पीएम ने कहा ये करना बेहद जरूरी था।

नई दिल्ली, (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ, जो COVID-19 महामारी से जूझ रहे हैं को देश के फ्रंटलाइन सोल्जर बताया और कहा कि सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। मन की बात के दौरान आगे बढ़ कर कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले इन पैदल सैनिकों को धन्यवाद देते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि ये अपने घरों से नहीं बल्कि बाहर निकल कर कोरोनोवायरस से लड़ रहे हैं। ये हमारी अग्रिम पंक्ति के सैनिक हैं, विशेष रूप से हमारे भाई-बहन जैसे नर्स, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ जो इस समय कठिन ड्यूटी पर हैं। उन्होंने कहा इन फ्रंटलाइन सैनिकों, हमारे नर्सों और डॉक्टरों से प्रेरणा लेनी होगी जो कोरोनोवायरस से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने आचार्य चरक की पंक्तियां सबसे अच्छा डॉक्टर वह है जो रोगी की सेवा करता है, न कि धन और स्वार्थ की कामना करता है कोट करते हुए कहा कि आज जब वे अपने डॉक्टरों के त्याग, दृढ़ता और समर्पण के गवाह हैं, तो ये शब्द उनको याद आते हैं।

जरूरी था लॉकडाउन करना

पीएम ने जोर देकर कहा कि भारत को सुरक्षित रखने के लिए कोरोनोवायरस से खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन एक कठिन लेकिन आवश्यक कठोर निर्णय है। 21 वें देशव्यापी तालाबंदी के बाद COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर वे अपनी पहली मन की बात में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से कहा कि इन फैसलों की वजह से आपको परेशानी आ रही है, गरीबों को खासतौर पर दिक्कत हो रही है, पर ये करना मजबूरी है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कहा कि उन्हें पता है कि कुछ लोग उनसे नाराज भी होंगे, लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए ये कदम उठाने जरूरी थे। पीएम मोदी के अनुसार कोरोनावायरस इंसान को मारने की कोशिश में है और लॉकडाउन उसे इस कोशिश में हराने के लिए लगाया गया है। प्रधानमंत्री ने इस लड़ाई कठिन और इससे मुकाबले के लिए ऐसे फैसलों को लेना आवश्यक कहा क्योंकि भारत के लोगों को सुरक्षित रखना था।

कोरोना के ठीक हुए लोगों से की बात

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कोरोनावायरस के संक्रमण का इलाज करवाकर ठीक हुए लोगों से बातचीत भी की, इनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम और आगरा के अशोक कपूर शामिल थे। इन लोगों ने कहा कि लॉकडाउन जेल जैसा नहीं है और लोग नियमों का पालन करें तो ठीक हो सकते हैं। इन लोगों ने हेल्थ स्टाफ और डाक्टरों को मदद करने के लिए धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कोरोना के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी बात कीऔर कहा कि वे सभी नर्सों को सैल्युट करते हैं जो कमाल की निष्ठा के साथ मरीजों की सेवा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने किराना दुकान चलाने वाले, ई कॉमर्स, बैंकिंग, डिजिटल ट्रांजेक्शन को संभव बनाने वाले लोगों को याद किया और उन्हें भी धन्यवाद कहा। पीएम ने कहा कि लोग सोशल डिस्टेंस बढ़ायें और इमोशनल डिस्टेंस घटायें।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वारंटाइन में रहने वालों के साथ बुरा व्यवहार करने वाले लोग संवेदनशील नहीं है औऱ ऐसा करने वाले गलत बर्ताव कर रहे हैं।

Posted By: Molly Seth