-मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में टाटा ट्रस्ट और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी बनायेगा सेंटर

-कैंसर के विभिन्न जांच के लिए जरूरी न्यूक्लियर मेडिसिन जरूरत पर हो सकेगा उपलब्ध

-कैंसर के इलाज में जरूरी जांच को करने के लिए आइसोटोप का किया जाता है इस्तेमाल

 

VARANASI : पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस में महामना पं। मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर का उद्घाटन किया। टाटा ट्रस्ट की ओर से 350 बेड के इस हॉस्पिटल में कैंसर से पीडि़त मरीजों को बड़ी सुविधा मिलेगी। खास बात यह है कि इसी हॉस्पिटल में टाटा ट्रस्ट डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी एक साइक्लोट्रान सेंटर भी शुरू करेगा। इस सेंटर में रेडियो आइसोटोप्स का निर्माण होगा, जिसमें एफ-18 आइसोटोप प्रमुख है। इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में जरूरी विभिन्न जांच को करने के लिए किया जाता है। प्रदेश का यह पहला तरह का दूसरा साइक्लोट्रान सेंटर होगा।

 

जरूरत पर 15 मिनट में होगा उपलब्ध

टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ। राजेन्द्र ए बडवे ने बताया कि कैंसर रोगों की पड़ताल में कई तरह की जांच की जरूरत होती है। इसमें पेट स्कैन भी एक जांच है। इस जांच को करने में न्यूक्लियर मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है। एफ-18 आइसोटोप भी एक तरह का न्यूक्लियर मेडिसिन है। हॉस्पिटल शुरू हो जाने के बाद यहां पर इस आइसोटोप की बड़ी जरूरत पड़ेगी। पेट स्कैन के लिए इसे अभी तक मुंबई से मंगाना पड़ता है। इसकी हाफ लाइफ लगभग छह घंटे होती है, जो बहुत कम है। दो से तीन घंटे मुंबई से इसे मंगाने में लग जायेंगे। इसलिए हम महामना मालवीय कैंसर सेंटर में ही साइक्लोट्रान स्थापित करेंगे और एफ-18 आइसोटोप का निर्माण करेंगे।

 

अन्य शहरों को भी देंगे

डॉ। बडवे ने बताया कि यहां बने आइसोटोप्स को हम वाराणसी के अलावा आसपास के शहरों में भी देंगे। बताया कि कैंसर पेट स्कैन जांच की व्यवस्था कई जगहों पर है पर आइसोटोप्स के लिए उन्हें मुंबई पर ही निर्भर रहना होता है। बनारस में साइक्लोट्रॉन शुरू हो जाने पर इलाहाबाद, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, मेरठ आदि शहरों को भी यहां से आइसोटोप्स उपलब्ध कराया जा सकेगा।

पैप स्मीयर से बेहतर जांच, कई गुना सस्ता

डॉ। बडवे ने बताया कि टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट ने महिलाओं में होने वाले सर्विक्स कैंसर की जांच के लिए एक तकनीक डेवलप की है। यह तकनीक इस कैंसर की जांच के लिए प्रचलित पैप स्मीयर जांच से कई गुना सस्ती है। बताया कि सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कराया जाता है। अमेरिका में इस जांच के लिए 112 डालर खर्च होते हैं। अपने देश में भी इस जांच में तकरीबन 1000 रुपये का खर्च आता है। हमने टाटा हॉस्पिटल में एक तकनीक विकसित की है जिसमें सर्वाइकल कैंसर के स्क्रीनिंग का खर्च सिर्फ 12 रुपये आता है। हम यह तकनीक इसलिए विकसित कर सके हैं क्योंकि हम समाज के हर वर्ग का इलाज करते हैं.

 

देश में दस कैंसर सेंटर और

डिपार्टमेंट ऑफ एटामिक एनर्जी के चेयरमैन डॉ। केएन व्यास ने बताया कि देश में 10 और जगहों पर कैंसर हॉस्पिटल शुरू करने का काम चल रहा है। पर इन जगहों पर मानव संसाधन की कमी एक बड़ा चैलेंज है। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए हम कुछ साल रुकेंगे। हम अपने हॉस्पिटल्स को हब और स्पोक मॉडल पर डेवलप कर रहे हैं। हब मॉडल में सुविधाएं अधिक होंगी वहीं स्पोक मॉडल में थोड़ी कम। वाराणसी का यह कैंसर सेंटर हब मॉडल पर तैयार किया गया है। यहां से हम टेलिमेडिसिन के जरिये भी लोगों को बेहतर सुविधाएं दे सकेंगे।

Posted By: Inextlive