प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 8 जून को अमेरिकी कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संसद में संबोधित करेंगे। अमेरिका के हाउस ऑफ रीप्रजेंटेटिव के स्पीकर ने पीएम मोदी को संसद में संबोधन के लिए निमंत्रण भेजा है। ऐसे में उम्‍मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी को सुनकर दोनों देश शांति और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं।


गर्व की बातदेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका आगमन का निमंत्रण देने वाले वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के स्पीकर पॉल रियान ने इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी है। उनका कहना है कि आगामी 8 जून को उन्होंने अमेरिकी संसद की संयुक्त सभा को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को इन्वाइट किया है। यह अमेरिका सांसदों के लिए गर्व की बात होगी कि उन्होंने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को सुनने का मौका मिलेगा। सबसे खास बात तो यह है कि अमेरिका और भारत की दोस्ती आज काफी मजबूत हो चुकी है। यह दोस्ती दुनिया के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थिरता का स्तंभ मानी जा रही है। गहराई से विचार
इस दौरान दोनों देश अपने साझा मूल्यों को बढ़ावा देने तथा समृद्धि को बढ़ाने वाले मुद्दों पर गहराई से विचार विमर्श करेंगे। जो कि दोनों के लिए काफी हितकर होगा। वहीं अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने मोदी के अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने के फैसले का स्वागत किया है। उम्मीद यह भी की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी को सुनकर दोनों देश शांति और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि अमेरिका में यह भी माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ओबामा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह उनसे आखिरी आधिकारिक मुलाकात हो सकती है। ये भी कर चुके संबोधित वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी सीनेट को संबोधित करने वाले भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले 19 जुलाई, 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। इनसे पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (14 सितंबर, 2000) ने संबोधित किया था। वहीं पीवी नरसिम्हाराव (18 मई, 1994) और राजीव गांधी (13 जुलाई, 1985) ने अमेरिकी संसद में भाषण दिया था।

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Posted By: Shweta Mishra