प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना पीएमएमएसवाई का शुभारंभ किया। यह योजना गांवों को सशक्त और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही मत्स्यपालन क्षेत्र का निर्यात बढ़ाने के लिए शुरू की गई।

नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में गुरुवार को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लाॅन्च किया। आज यह योजना देश के 21 राज्यों में शुरू की जा रही है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700 करोड़ रुपये का काम शुरु हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों में कई अन्य पहलों के साथ किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप भी लॉन्च किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में विभिन्न स्थानों पर मत्स्यपालन सुविधाओं की स्थापना के साथ, मछली उत्पादकों को नए बाजार मिलेंगे।

Delhi: PM Narendra Modi digitally launches the Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) and e-Gopala App for farmers along with several other initiatives in the fisheries and animal husbandry sectors in Bihar. pic.twitter.com/9YVmK0AMpf

— ANI (@ANI) September 10, 2020


हमारे गांव आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें
पटना, पूर्णिया, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में कई अन्य सुविधाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जितनी भी योजनाएं शुरू हुई हैं, उनके पीछे का मकसद ये है कि हमारे गांव आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें। कोशिश ये है कि नीली क्रांति का मतलब मछली पालन से जुड़े काम, श्वेत क्रांति का मतलब डेयरी से जुड़े काम, और मीठी क्रांति का मतलब शहद उत्पादन से जुड़े काम, हमारे गांव को समृद्ध और मजबूत करें।
पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई
प्रधानमंत्री सम्पदा योजना इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। स्वतंत्रता के बाद, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना पर कई गुना अधिक निवेश किया जा रहा है। इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत वित्त वर्ष 2020-2021 से 2024-2025 की अवधि के दौरान सभी राज्यों में खर्च किया जाना है।

Posted By: Shweta Mishra