भाजपा का 41वां स्थापना दिवस आज, PM मोदी ने अपने संबोधन में गिनाई पार्टी व कार्यकर्ताओं की विशेताएं
नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के 41 वें स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए मंगलवार को देश भर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि ये 41 वर्ष इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है और सामान्य कार्यकर्ता का तप और त्याग किसी भी दल को कहां से कहां पहुंचा सकता है। हमारे देश में राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलों के टूटने के अनेकों उदाहरण हैं लेकिन देशहित में लोकतंत्र के लिए दल के विलय की घटनाएं शायद ही कहीं मिलेंगी। भारतीय जनसंघ ने ये करके दिखाया था। बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जो लोग कहते हैं कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन है, वो एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता को समझ नहीं पाते। वो भारत के नागरिकों की सूझबूझ का आकलन नहीं कर पाते। सच्चाई ये है कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन नहीं, देश और देशवासियों का दिल जीतने वाला एक अनवरत-अविरल अभियान है। केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकियां दी जाती हैं, उन पर और उनके परिवार पर हमले होते हैं।
एक विचारधारा को लेकर अड़े रहनादेश के लिए जीना-मरना, एक विचारधारा को लेकर अड़े रहना, ये भाजपा के कार्यकर्ता की विशेषता है। वहीं वंशवाद और परिवारवाद का हश्र भी 21वीं सदी का भारत देख रहा है। पीएम के मुताबिक आज गलत नरैटिव बनाए जाते हैं- कभी सीएए को लेकर, कभी कृषि कानूनों को लेकर, कभी लेबर लॉ को लेकर, बीजेपी के प्रत्येक कार्यकर्ता को समझना होगा कि इसके पीछे सोची-समझी राजनीति है, ये एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इसका मकसद है देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना है। भाजपा 1980 को अस्तित्व में आईभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा भारतीय जनसंघ के रूप में की गई थी। बाद में 1977 में जनता पार्टी बनाने के लिए इसे कई दलों के साथ मिला दिया गया। 1980 में, जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद ने अपने सदस्यों को पार्टी और आरएसएस के 'दोहरे सदस्य' होने से प्रतिबंधित कर दिया। नतीजतन, पूर्व जनसंघ के सदस्यों ने पार्टी छोड़ दी और एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई। इस प्रकार, भाजपा 6 अप्रैल, 1980 को अस्तित्व में आई।