पीएम मोदी बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के चुनावों के लिए आज बिहार में दो रैली का आयोजन कर रहे हैं। अपनी आज की पहली रैली के दौरान गोपालगंज में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार और महागठबंधन पर एक बार फिर से निशाना साधा। यहां प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में अपना भाषण शुरू किया। यहां उन्‍होंने भोजपुरी में ही लोगों का अभिवादन भी किया।

रैली में ऐसा बोले पीएम मोदी
यहां उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनावों में भी जनता के बीच आए थे और अब एक बार फिर यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि महास्वार्थ बंधन अनाप-शनाप बोल रहा है। ऐसा जान पड़ता है कि इनकी गालियों की डिक्शनरी खाली हो गई है और इसलिए वे रोज नई नई गालियां गढ़ रहे हैं। इसके आगे उन्होंने और कहा कि जिन लोगों ने बिहार पर राज किया है, वे कहते हैं कि मोदी की रैली में जो लोग आते हैं, वे पैसे दे कर लाए जाते हैं। ऐसा कह कर वे बिहार के लोगों का अपमान कर रहे हैं। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका कारण ये नहीं है कि मोदी ने किसी तरह की कोई गलती की है, बल्कि कारण यह है कि आपको जो प्रेम है, उसको वह पचा नहीं पा रहे हैं।
बिहारियों का अपमान पड़ेगा महंगा
पीएम बोले कि एनडीए की रैली जिस समय सफल होती है, उनकी भाषा का स्तर उसी समय नीचे गिर जाता है। उनका कहना है कि उन्होंने 35 साल तक बिहार पर राज किया है। इसके बावजूद वह चुनाव में ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह मोदी को गालियां देते देते थक गए तो बिहारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहारियों का इस तरह से अपमान करना नीतीश को महंगा पड़ेगा।
'बिहार को बेचने का लिया एडवांस'
बिहार की कुर्सी को लेकर वह बोले कि बिहार को बेचने का बाकायदा एडवांस लिया जा रहा है। लालू गए तो अपनी कुर्सी पत्नी को दे गए। इन लोगों ने बीते चुनाव में कहा था उन्हें वोट दो वह घर-घर में बिजली पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद आज भी बिहार को बिजली चाहिए।
भाई-भतीजावाद को मिटाने को कहा  
उन्होंने कहा कि वह बिहार से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को जड़ से मिटा देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली भी पहले भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थी। रोज करोड़ों के घोटाले प्रकाश में आ रहे थे, अब फिलहाल सब कुछ बंद है। उन्होंन जनता से अपील की कि वे उन्हें बिहार की सेवा करने का मौका दें, उनको इस तरह की लूटपाट बिल्कुल बंद करवानी है। यहां रेलवे स्टेशन पर खुलेआम गोलियां चलती थीं, अपहरण का उद्योग चलता था। गोपालगंज का नौजवान जो सम्मान से जीना चाहता था, उसे गोपालगंज छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।

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Posted By: Ruchi D Sharma