प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि इस अवसर पर कहा कि टॉयकैथॉन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है जिससे भारत खिलौना बाजार के व्यापक हिस्से पर अग्रणी हो सके।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुुरुवार को टॉयकैथॉन-2021 के प्रतिभागियों से बात की। इस दाैरान पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि खिलौने और खेल हमारी मानसिक शक्ति, सृजनात्मकता, अर्थव्यवस्था और ऐसे अनेक पहलुओं को प्रभावित करते हैं, इसलिए इन विषयों की बात भी उतनी ही आवश्यक है।आधिकारिक वेबसाइट पीएमइंडियाडाॅटजीओवीडाॅटइन के मुताबिक पीएम ने कहा कि हम सब जानते हैं कि बच्चे की पहली पाठशाला अगर परिवार होता है तो, पहली किताब और पहला दोस्त, ये खिलौने ही होते हैं। समाज के साथ बच्चे का पहला संवाद इन्हीं खिलौनों के माध्यम से होता है।आप सभी ने ये देखा होगा, बच्चे खिलौनो से बाते करते रहते हैं, उनको इंस्ट्रक्शन देते हैं। उनसे कुछ काम करवाते हैं क्योंकि उसी से उसके सामाजिक जीवन की एक प्रकार से शुरुआत होती है। इसी तरह, ये टाॅय ये बोर्ड गेम्स, धीरे-धीरे उसकी स्कूल लाइफ का भी एक अहम हिस्सा बन जाते हैं, सीखने और सिखाने का माध्यम बन जाते हैं।

पॉजिटिव रिस्पॉन्स देखने को मिलेगा
इसलिए इस चुनौतीपूर्ण समय में देश के पहले टॉयकैथॉन-2021 का आयोजन इसी भावना को मजबूत करता है। उम्मीद है कि एक पॉजिटिव रिस्पॉन्स देश में देखने को मिलेगा। आज वैश्विक खेल बाजार करीब 100 बिलियन डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ बिलियन डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80% खिलौने आयात करते हैं यानि इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना बहुत जरूरी है।

अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जितने भी ऑनलाइन या डिजिटल गेम्स मार्केट में उपलब्ध हैं, उनमें से अधिकतर का कॉन्सेप्ट भारतीय नहीं है। अनेक गेम्स के कॉन्सेप्ट या तो हिंसा को प्रमोट करते हैं या फिर मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। हमारा दायित्व है कि ऐसे वैकल्पिक कॉन्सेप्ट​ डिजाइन हों जिसमें भारत का मूल चिंतन हो जो सम्पूर्ण मानव कल्याण से जुड़ा हुआ हो और तकनीकि रूप में सुपीरियर हो। वहीं फन भी हो, फिटनेस भी हो, दोनों को बढ़ावा मिलता रहे।

Posted By: Shweta Mishra