हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय मुलाकात और उसके बाद अधिकारी स्तरीय बातचीत का दो टूक फलसफा यह है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पहले से भी ज्यादा प्रगाढ़ और परस्पर हितों का याल रखने वाले होंगे। ट्रंप की अगुआई में अमेरिकी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हर संवेदनशील मुद्दे पर भारत का खुलकर समर्थन किया है। पाकिस्तान को आतंकियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल न करने की चेतावनी के साथ यह संदेश दिया कि अब आइएस से दाऊद तक कार्रवाई से नहीं बच पाएंगे।


* चीन को संकेत : ओबोर प्लान में भारत की संप्रभुता का रखे याल* पाक को चेतावनी : आतंकियों को न करने दे अपनी जमीन का इस्तेमालपाकिस्तान को दूसरा झटका:छह माह पहले डोनाल्ड जे. ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि नया प्रशासन भारत के साथ रिश्तों को गंभीरता देगा या नहीं। संयुक्त बयान में पहली बार भारत और अमेरिका ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलाने के लिए न करे। साथ ही पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह मुंबई हमले और इस तरह के अन्य हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कदम उठाए। यह कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान को दिया गया दूसरा झटका है।
सीधे तौर पर बोला जा रहा:


सनद रहे कि ट्रंप-मोदी मुलाकात से कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी सरकार ने हिजबुल आतंकी सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया था। भारत और अमेरिका ने अलकायदा, आइएस, हिजबुल, डी-कंपनी, लश्कर, जैश जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के खिलाफ भी अपने सहयोग को लगातार मजबूत करने की बात कही है। इसमें चार आतंकी संगठन पाकिस्तान आधारित ही हैं। पहले भी भारत और अमेरिकी सरकार की तरफ से जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान का जिक्र होता था, लेकिन पहली बार अब उसे सीधे तौर पर बोला जा रहा है।ट्रंप को भारत आने का न्योता:मोदी और ट्रंप की पहली मुलाकात से साफ दिखा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के नेताओं के बीच अच्छी केमिस्ट्री बन चुकी है। जब मोदी और ट्रंप की वार्ता चल रही थी तो उसमें ट्रंप की पत्नी मिलेनिया ट्रंप ने भी थोड़ी देर के लिए शिरकत की। बाद में रात्रि भोज में मोदी ने ट्रंप की बेटी और उनकी राजनीतिक सलाहकार इवांका ट्रंप को भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया। इवांका ने बाद में ट्वीट कर इस निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने ट्रंप और उनके पूरे परिवार को ाारत दौरे के लिए आमंत्रित किया है। माना जा रहा है कि अगले महीने मोदी और ट्रंप की जी-20 देशों की बैठक में मुलाकात हो सकती है जिसमें वे सोमवार को की गई बातचीत की समीक्षा करेंगे।मोदी बोले, नई ऊंचाई पर ले जाएंगे रणनीतिक साझेदारी:

ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यह यात्रा और ट्रंप के साथ वार्ता दोनों देशों के सहयोग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पृष्ठ होगा। क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच परस्पर सहयोग व सहभागिता की चरम सीमाओं की उपलब्धि पर केंद्रित है। हम रणनीतिक साझेदारी को नई उंचाई पर ले जाएंगे। जो उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार सृजन और नई तकनीक पर आधारित होगी। ट्रंप ने भी भारत के साथ दोस्ती के कसीदे पढ़े और कहा कि भारत-अमेरिका के बीच इतने मजबूत रिश्ते पहले कभी नहीं रहे हैं। उन्होंने भी रोजगार बढ़ाने और आतंकवाद का सफाया करने के लिए भारत के साथ मिल जुलकर काम करने की बात कही।नहीं उठा एच-1बी वीजा का मसला:दोनो नेताओं ने एक दूसरे को चुभने वाले मुद्दों जैसे एच-1बी वीजा और पेरिस समझौते को नहीं उठाया। हालांकि माना जा रहा है कि ये मुद्दे जल्द ही होने वाली रणनीतिक व वाणिज्यिक वार्ता में उठाए जाएंगे।भारत समेत पूरे यूरोप पर साइबर हमला

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Posted By: Shweta Mishra