अक्‍सर देखा जाता है जि‍न नेताओं के भाषण की दुन‍िया दीवानी होती है लेकि‍न अगर उनकी जुबान फ‍िसल जाती है तो उन्‍हें बदनामी भी झेलनी पड़ती हैं। हाल ही में पीएम मोदी की दावोस यात्रा को ही देख लीजि‍ए। दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वैश्‍व‍िक नेता के तौर पर भाषण द‍िया लेक‍िन यहां पर उनकी जुबान फ‍िसल गई। हालांक‍ि पीएम मोदी कोई अकेले ऐसे नेता नहीं हैं। पहले भी दुन‍िया के इन बड़े नेताओं की जुबान फ‍िसल चुकी है...

600 करोड़ मतदाता
दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वैश्विक नेता के तौर पर करीब 52 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान पीएम ने आतंकवाद जैसे कई बड़े मुद्दे उठाए। ऐसे में जब इन्होंने भारतीय लोकतंत्र की ताकत का जिक्र किया तो उनकी जुबान फिसल गई। पीएम ने 130 करोड़ आबादी वाले भारत में 600 करोड़ मतदाता बता डाले। जबकि हकीकत में मतदाताओं की संख्या 80 से 90 करोड़ के आस-पास है। इतना ही नहीं आजादी के 70 साल की जगह वह 17 साल बोल गए।

निकोलस सरकोजी
फ्रांस के भूतपूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 2011 में फ्रांस के बार्डर पर जनता को संबोधित कर रहे थे। तभी उन्होंने बीच में फ्रांस की जगह जर्मनी शब्द बोल दिया। अब ये जर्मनी का प्यार है या कुछ और यह सरकोजी ही बता सकते हैं।

डिक चेनी
पूर्व अमरीकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी साल 2007 में टेक्सास में विदेश नीति पर चर्चा करते हुए वेनेजुएला की जनता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनकी भी जुबान फिसल गई थी। पूर्व अमरीकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी ने वेनेजुएला की जनता को पेरू का बता दिया था।

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Posted By: Shweta Mishra